बिलासपुर/सकरी-ग्राम संबलपुरी में नहर बनाने के लिये स्थानीय लोगों की जमीन अधिग्रहण किया गया , जिसमे अन्य लोगों के अलावा रामदेव साहू पिता रामचरण साहू की भूमि अधिग्रहित किया गया था चुकि जमीन का जो मुआवजा दिया गया वह नहर से लगे भूमि का था जिसका मुआवजा तत्कालीन सरकारी दर पर किया गया था ,लेकिन तत्कालीन पटवारी के द्वारा सडक से लगे भूमि को दर्ज करके शासन को दस्तावेज दे दिया गया। देखने वाली बात यह हैं कि तत्कालीन पटवारी ने जिस भूमि को नहर में अधिग्रहण करना बता रहा है वह नहर से काफी दूर है और मुख्य सड़क में है जिसपर एक दुकान बना हुआ है और तत्कालीन इस जमीन की कीमतसरकारी दर पर मिले हुए मुआवजा राशि से लगभग चार गुना हैं अब सकरी तहसीलदार के द्वारा रामदेव साहू को इस जमीन से बेदखली के लिये दबाव बनाया जा रहा है और बार बार बेदखली के लिए नोटिस भेजा जा रहा है
इसमें जमीन मालिक रामदेव साहू ने इसके लिए माननीय हाईकोर्ट सहित न्यायालय संभागायुक्त में अधिवक्ता के माध्यम से मामले को लेकर प्रकरण लगाया हुआ है वही इसकी जानकारी के लिये सकरी तहसीलदार को लिखित आवेदन दे दिये हैं वही सकरी तहसीलदार के द्वारा भेजे नोटिस में पटवारी हल्का न.40 शासकीय भूमि का जो उल्लेख किया गया है वह रामदेव साहू की निजी भूमि हैं इतना ही नहीं इससे लगा बाकी बचत भूमि रिक्त भी है पूरे मामले में खास पहलू यह है कि की अगर शासन ने भूमि का अधिग्रहण किया है तो वादी एव प्रतिवादी रामदेव साहू एवं शासन है लेकिन इसमें एक निजी व्यक्ति पार्टी बना हुआ है जबकि इस निजी व्यक्ति ने स्वयं ही सरकारी भूमि पर कब्जा किया हुआ है जो जांच करने पर सामने आ जायेगा ,इस्मे भूमि मालिक रामदेव साहू ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन पटवारी ने गाँव के एक निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिये इस जमीन के नंबर में छेड़छाड़ किया है और अब बेदखली के लिये दबाव बनवाया जा रहा है और स्वंय एक पार्टी बनकर सकरी तहसीलदार से बार बार नोटिस भेजवाया जा रहा है अब इससे परेशान होकर जमीन मालिक रामदेव साहू ने तहसीलदार और मुआवजा को लेकर माननीय हाईकोर्ट सहित न्यायालय संभागायुक्त में मामला लगाया हैं वही इसकी जानकारी सकरी तहसील कार्यालय में भेजा जा चुका है इसके बाद भी सकरी तहसीलदार के द्वारा भूमि मालिक रामदेव साहू को नोटिस भेजा जाना कितना उचित है इतनी जानकारी तहसीलदार को होंना ही चाहिये ,
