छत्तीसगढ़/वैद्य निर्मल अवस्थी आसाम एवं अरुणाचल प्रदेश में पारंपरिक वैद्यों के ज्ञान आधारित चिकित्सा पद्धति के दस्तावेजीकरण बहुत उपयोगी वनौषधियों के संरक्षण एवं संवर्धन तथा औषधीय पौधों के गार्डन तथा कृषिकरण कार्य हेतु रिसर्च इन्स्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड एक्सीलेंट ट्रेडिशनल कल्चर एंड हेरिटेज अरूणाचल प्रदेश में चयन हुआ है।

दिनांक 4 -5नवंबर 2022 में डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार ट्रेडिशनल हर्बल मेडिसिन आफ नार्थ ईस्ट इंडिया एंड क्लीनिकल प्रेक्टिस इम्पोर्टेंस, चैलेंज,  फ्यूचर  विषय पर सेमिनार डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय एवं रिसर्च इन्स्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड एक्सीलेंट ट्रेडिशनल कल्चर एंड हेरिटेज अरूणाचल प्रदेश  के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया इस अवसर  पर भारत के ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। वैद्य निर्मल अवस्थी छत्तीसगढ़ राज्य से आमंत्रित किया गया अवस्थी छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग पांच हजार पारंपरिक वैद्यों का संगठन बनाया और राज्य सरकार के सहयोग से वन औषधालय की स्थापना एवं औषधीय पौधों के संरक्षण संवर्धन के कार्य एवं भारत की विभिन्न विश्वविद्यालयों में पारंपरिक वैद्यों की जान पहचान कर पारंपरिक वैद्यों के ज्ञान का दस्तावेजीकरण किया है

इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य के पारंपरिक वैद्यों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनाई है आज छत्तीसगढ़ राज्य के पारंपरिक वैद्यों के पास दूर दूर व अन्य राज्यों से मरीज इलाज हेतु आते हैं इन सभी कार्यों से छत्तीसगढ़ राज्य के पारंपरिक वैद्यों की आजीविका विकास हेतु सफल पहल हुई है। वैद्य अवस्थी ने आयुष मंत्रालय एवं क्वालिटी कांउसिल आफ इंडिया नई दिल्ली के मार्गदर्शन में पारंपरिक वैद्यों के स्वैच्छिक प्रमाणीकरण योजना का लाभ भी छत्तीसगढ़ राज्य के पारंपरिक वैद्यों को दिलाया है। इन सभी कार्यों की वजह से अवस्थी के इन सभी सफल प्रयास और कार्यों से आसाम एवं अरुणाचल प्रदेश में इनके अनुभवों का लाभ दिलाया जा सके इस कारण
रिसर्च इन्स्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड एक्सीलेंट ट्रेडिशनल कल्चर एंड हेरिटेज अरूणाचल प्रदेश में चयन हुआ है।

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