धान खरीदी में एक बार फिर राजनीति गर्म है। इस बार टोकन को लेकर राजनीतिक टकराहट देखने को मिल रही है।

भाजपा ने कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है इधर आनलाइन एप के जरिए टोकन देने का सरकार ढिंढोरा पीट रही है। वही टोकन नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। मामले में कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस का आरोप है कि पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार में तो जितने किसान धान खरीदी के लिए पंजीयन कराते थे उनमें से आधे ही किसानों की धान खरीदी होती थी।वही किसानों को हो रही समस्या और कांग्रेस और बीजेपी के अपने आप के बड़े बोल को लेकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रशान्त त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ के कई जिलों खासतौर पर कोरिया और मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी बैकुंठपुर जिले में टोकन तुंहर द्वार एप नहीं खुलने से किसानों को ऑफ लाइन टोकन के लिए किसानों को चक्कर लगाने मजबूर होना पड़ रहा है जिसके कारण एक फीसदी किसानों की भी धान खरीदी न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रशान्त त्रिपाठी ने कहा कि सरकार की मंशा ही नहीं थी कि एक नवंबर से धान खरीदी करे ।सरकार ने 1 नवंबर से धान खरीदी का ऐलान तो कर दिया लेकिन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये। जिसकी वजह से किसान परेशान हैं। जिला अध्यक्ष प्रशान्त त्रिपाठी ने कहा कि किसानों की मांग रही कि एक नवंबर से धान खरीदी की ठोस व्यवस्था की जाए। बारदाने के लिए भी हर साल कई माह पहले से कहती रही है लेकिन भूपेश बघेल सरकार की नीयत की खोट सामने आ जाती है।वही रकबा को लेकर भी किसानों को परेशान किया जा रहा है इस बार भी यही स्थिति है। पूरे प्रदेश में किसान परेशान हैं। अभी स्थिति यह है जिन समितियों में 35 हजार किसानों की धान खरीदी होना है, वहां पखवाड़े भर में मात्र 300 किसानों से धान खरीदी साबित कर रहा है कि सरकार की मंशा ठीक नही। किसान जब टोकन लेने जाते हैं तो कहा जाता है कि ऑनलाइन टोकन ले लें, जब एप से टोकन के लिए किसान प्रयास करते हैं तो एप खुलता ही नही। कुल मिलाकर कांग्रेस की सरकार में किसानों के किस्मत में भटकना ही लिखा है। ऐसी किसान विरोधी सरकार को आगामी चुनाव में सबक सिखाने की जरूरत है।

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