28 वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य की पारंपरिक वैद्यों के साथ काम कर रहे निर्मल अवस्थी राष्ट्रीय व अतंरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अहम भूमिका निभाई है

इन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की लगभग 850 औषधीय पौधों का पारंपरिक ज्ञान आधारित चिकित्सा पद्धति का गहन अध्ययन किया और दस्तावेजीकरण किया है वर्ष 2009 में परंपरागत वैद्यों का एक विशाल संगठन बनाया और वैद्यों को सूचीबद्ध कर उनकी पहचान दिलाई है।

छत्तीसगढ़ राज्य का परंपरागत ज्ञान और वनौषधियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
दिनांक 8 से 11 दिसंबर 2022 को आयोजित 9 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस सेमिनार में बतौर अतिथि एवं वक्ता के रूप में उन्हें आमंत्रित किया गया है। दिनांक 8 अगस्त को इंटरनेशनल एथ्नोफार्मोकोलाजी एण्ड ट्रेडिशनल हीलर काॅनन्क्लेव के उद्घाटन समारोह में गेस्ट आफ ऑनर के रूप में आमंत्रित किया गया है।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के अलावा डाक्टर राजेश कटेचा सचिव आयुष मंत्रालय भारत सरकार डा शेखर सी अध्यक्ष विज्ञान भारती जयंत्रो सहस्त्रबुद्धे महासचिव विज्ञान भारती प्रो पुलक मुखर्जी अध्यक्ष नृवंशविज्ञान डा अनूप ठाकुर निर्देशक आयुर्वेद प्राद्यौगिकी एवं अनुसंधान संस्थान आयुष मंत्रालय भारत सरकार डा प्रदीप सरमोकदम सदस्य सचिव गोवा राज्य जैवविविधता बोर्ड, प्रो हरीराम मूर्ति को चेयर पर्सन, डा प्रकाश इतनकर संयोजक औषधि विज्ञान विभाग आरटीएफ नागपुर विश्वविद्यालय डा उन्नीकृष्णन,डा दिवाकर व्हेलिप आदि विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति में निर्मल अवस्थी अपना व्याख्यान देंगे।
9 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस सेमिनार में 32 देशों व भारत के सभी राज्यों से 4500 प्रतिनिधि भाग लेने गोवा पहुंच चुके हैं भारत के विभिन्न राज्यों के 200 पारंपरिक वैद्य समुदाय भी भाग ले रहे है।इंटरनेशनल एथ्नोफार्मोकोलाजी एण्ड ट्रेडिशनल हीलर काॅनन्क्लेव के को- चेयर पर्सन प्रोफेसर हरी राम मूर्ति से यह जानकारी दी उन्होंने ने बताया कि निर्मल अवस्थी का चयन विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन बैंगलोर द्वारा किया गया है अवस्थी ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
