बिलासपुर/पेण्ड्रा मरवाही – छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल मुख्यमंत्री ने आदिवासियो के लिये राजश्व मामलों को लेकर उचित न्याय मिल सके

इसके लिये अधिकारियों को कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये हैं ,वही कानूनी रूप से भी सभी राजश्व मामलों के लिए विधि अधिनियम लागू है इसके बावजूद भी समय समय पर राजश्व से जुड़े जमीनी स्तर के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा नियमों को पलीता लगाने में गुरेज नहीं करते हैं ,खासतौर पर वन ग्रामीण क्षेत्रों में पटवारी से लेकर तहसीलदार तक अपनी मनमानी करने से पीछे नहीं रहते हैं जिसका खामियाजा भोले भाले लोगों को चुकाना पड़ता है इसी तरह राजस्व मामलों से पीड़ित ग्राम बेलपत पो. जोगीसार तहसील पेण्ड्रारोड जिला-गौरेला-पेण्ड्रा मरवाही के 80 वर्षीय बुजुर्ग हीरासिंह पिता त्रिभुवन सिंह जाति कंवर अपनो से धोखा खाकर आप के हक के लिए दर दर का ठोकर खाने को मजबूर बने हुए हैं इस संबंध में इन्होंने अनुविभागीय अधिकारी पेन्ड्रा से अपनी फरियाद लगाया है इन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि मैं हीरा सिंह पैकरा पिता श्री त्रिभुवन सिंह पैकरा जाति कंवर ग्राम बेलपत पो. जोगीसार तह. पेण्ड्रा रोड, जिला- गौरेला, पेण्ड्रा, मरवाही (छ.ग.) का मूल निवासी हूँ यह कि मेरी संयुक्त खाते की कृषि भूमि खसरा नं. क्रमशः 5/1, 55/3, 60, 66, 67/2, 69/1, 76/5, 177/2, 181/3, 193, 194, 265/3 रकबा क्रमश: 0.5260 है 0.1620 हे., 0.5630 हे.. 1.9230 है 0.2190 है 0.1500 हे., 0. 610 है 0.4860 है 0.1050 है 0.1090 है 0.0490 हे.. 1.0030 है. कुल खसरा नंबर 12 कुल रकबा 5.3470 हे. भूमि संयुक्त खाता हीरा सिंह पैकरा, शिवरतन, लिखन तीनो पिता श्री त्रिभुवन सिंह के नाम पर वर्तमान राजस्व अभिलेख में दर्ज है यह कि मेरी संयुक्त खाते की कृषि भूमि का 5/1 से लेकर 265 / 3 उपर वर्णित भूमि का सह खातेदार लिखन सिंह पैकरा पिता श्री त्रिभुवन सिंह जाति कंवर ग्राम बेलपत पो. जोगीसार तह. पेण्ड्रा रोड जिला-गौरेला, पेण्ड्रा, मरवाही (छ.ग.) द्वारा न्यायालय श्रीमान नायब तहसीलदार महोदय पेण्ड्रा रोड मे धारा 178 छ.ग. भू. रा. संहिता के तहत फर्द बंटवारा हेतु अपील प्रस्तुत किया है।
जिसमें फर्द बंटवारा एवं स्थल जांच पंचनामा हेतु मुझे पटवारी द्वारा सूचना नही दिया गया मेरी अनुपस्थिति मे फर्द तैयार किया गया जिसमें खसरा नं. 66 रकबा 1.9230 हे .फर्द पर संयुक्त रूप से हीरा सिंह, शिवरतन, लिखन को कब्जेदार दर्शाया गया है। जो सही नही है, इस पर मुझे आपत्ति है।
यह भूमि में हीरा सिंह और लिखन सिंह आपसी बंटवारा पश्चात काबिज कास्त है। जबकी यह भूमि का एक भाग शासन के कब्जे में था जिसे सीमांकन उपरांत ग्रामवासियों के समक्ष हल्का पटवारी द्वारा दिनांक 16.06.2020 हीरा सिंह को 2.00 एकड़ पर कब्जा दिया गया है।
जिसमे सीमांकन पश्चात भूमि 2.00 एकड़ पर हीरा सिंह काबिज काश्त है। यह कि उक्त भूमि का आपसी बंटवारा नही हुआ है फिर भी लिखन सिंह द्वारा धारा 178 छ. ग.भू. रा. संहिता के तहत फर्द बंटवारा हेतु आवेदन किया है, जो विधि मान्य नहीं है।
यह कि धारा 178 भू.रा.स. के अन्तरर्गत आपसी बंटवारा प्राप्त भूमि का कब्जा एवं दखल के अनुसार पर फर्द बंटवारा किया जाना होता है, उक्त भूमि खसरा नं. 66 का भूमि 2.00 एकड भाग का आपसी बंटवारा नही हुआ है। इसी प्रकार मेरी भूमि खसरा नं. 265/3 रकबा 1.0030 है इस पर भी फर्द रिपोर्ट में हीरा सिंह और लिखन सिंह को दर्शया गया है जो सही नहीं है। जिस पर मुझे अपत्ति है। यह भूमि पर हीरा सिंह काबिज कास्त है। फिर भी बिना प्रकरण दर्ज किये, मुझे 05/12/2022 को पेशी न्यायलय नायब तहसीलदार पेण्ड्रारोड पर बुलाया गया। और माननीय श्रीमान नायब तहसीलदार द्वारा पेशी पश्चात समस्त दस्तावेजो की सत्यापित कॉपी नहीं दिया गया ।
फर्द बंटवारा अंतर्गत पूर्ण दस्तावेज, नकल प्रकरण पटवारी रिपोर्ट की सत्यापित कॉपी आज दिनांक 12/12/2022 तक अप्राप्त है। मेरे द्वारा आज दिनांक 12/12/2022 को श्रीमान नायब तहससीलदार महोदय से मुलाकात करने पर बताया गया कि ऑनलाईन प्रकरण दर्ज नही हो पाया है। मुझे यह प्रतीत हो रहा है कि मुझे स्थागन लेने से रोका जा रहा है।
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि उक्त फर्द बंटवारा का न्यायिक जांच करते हुए मुझे उक्त फर्द का नकल, पटवारी रिपोर्ट दिलवाने की कृपा करें । एवं उक्त वर्णित भूमि खसरा नं. 66 भाग 2. 00 एकड का जबतक आपसी बटवारा नही हो जाए तब तक फर्द बंटवारा को स्थागित करने की मांग किया है ,दूसरी तरफ उक्त बुजुर्ग ने यह भी बताया है कि वह इस संदर्भ में आपत्ति लगाना चाहता है इसके लिए इन्होंने संबंधित नायब तहसीलदार से नियम के तहत मामले के दस्तावेजों की प्रति के मांगने पर इन्हें आन लाईन नही होने तक दस्तावेज की कॉपी देने से मना कर दिया गया इन्होंने यह भी शिकायत करते हुए कहा हैं कि मैं एक गरीब कृषक हूँ और अनावेदक सरपंच प्रतिनिधि है जिस वज़ह से अपना अधिकार के लिये भी आज इस उम्र में भूखे प्यासे भटकने को मजबूर हैं।

