जादूगर ज्ञानेन्द्र मार्गद निवासी चकसुचेर थाना बारा जिला प्रयागराज उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हूँ। मैं पाँच भाइयों में सबसे छोटा लालापुर तहसील हूँ। प्रयाग विश्वविद्यालय से स्नातक करने के उपरान्त (बाद) नेरा रुझान जादू कला की और हुआ। मेरे परिवार में दूर-दूर तक किसी का जादू से कोई नाता नहीं रहा। समस्त परिवार संगीत से जुड़ा है। मैं भी तबला, हारमोनियम गाता बजाता हूँ। समस्त परिवार के बच्चे सरकारी सेवा में लगे है। 80 के दशक में जादू कला को बड़ी हेय दृष्टि से देखा जाता था। और इस समय जादू को कला को ऊँचाईयों तक पहुंचाया गया। आज मेरी टीम में 30 शिक्षित लोग कार्यरत है। मेरा शो भारत की कई प्रदेशों में हो चुका है। मैं छत्तीसगढ़ पहली बार आया हूँ। अब तक लगभग 25000 जादू शो का प्रदर्शन कर चुका हूँ। मैं अपने जादू के माध्यम से समाज में व्याप्त अन्धविश्वास एवं कुरीतियों पर करारा प्रहार करते हुये समाज को स्वच्छता, बेटी बचाओं बेटी पढाओ हरित क्रांति, भाई चारा, नशा मुक्ति यातायात नियमों का पालन पर्यावरण अनुपालन य अन्य जागरूकता के कार्यक्रम करते हैं। हमारे जादू शो का मुख्य आर्कषण स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी गायब, इच्छा धारी साँप कभी सीप तो कभी लड़की, भारत माता और भ्रष्टाचार नशा छोड़ो, नशा छुडाओं, मानव कटिंग, बरमुडा ट्रायंगल (त्रिकोण), जमीन से 10 फुट ऊपर उड़कर जाना, बंद सक्से से आजाद होना, मित्र देश की शहजादी का आगमन य आकाश मार्ग से जाकर गायव होना भूतों का नायिका के सहित नाच आदि अनेको कार्यक्रम है।

हमारे जादू का मुख्य उद्देश्य समाज को जागरूक करना है। रोजाना 02 शो दोपहर 1.00 बजे एवं सायं 6.30 बजे तथा शनिवार एवं रविवार को 03 शो दोपहर 1 बजे, 4.00 बजे एवं सायं 6.30 बजे किये जायेंगे एवं स्कूली बच्चों को रिवायती दर पर शो दिखाया जायेगा।

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