बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच के आह्वान पर पंजीकृत संघो के द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के रवैया से त्रस्त (दु:खी) हो कर विधानसभा चुनाव 2018 में जारी जनघोषणा पत्र के अनुसार राज्य सरकार सरकारी कर्मचारी घोषित करते हुए प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/मिनी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को कलेक्टर दर पर वेतन और नर्सरी  स्कूल शिक्षक का दर्जा तुरंत दे …
                आज  छत्तीसगढ़ सरकार के चार साल पूरे होने के बाद भी अपनी जनघोषणा पत्र में किए गए वादे को अनदेखी करना सरकार के असंवेदनशीलता की निशानी है।   
प्रदेश के लगभग एक लाख से अधिक संख्या में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/ मिनी कार्यकर्ता/ सहायिकाओं के सब्र का बांध टूटते नज़र आ रहा है, अब सरकार पर भरोसा नहीं हो रहा है, क्यों कि पिछले चार साल में कई बार माननीय मुख्यमंत्री जी से, माननीय जनघोषणा पत्र के प्रभारी जी से और माननीया महिला एवं बाल विकास केबिनेट मंत्री जी से, माननीया महिला एवं बाल विकास विभाग संसदीय सचिव (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) जी से साथ ही माननीय नेता प्रतिपक्ष,लगभग सभी विधायकों से  हमारे प्रतिनिधि मंडल मिले लेकिन आजतक सरकार द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया जिस पर आक्रोशित कार्यकर्ता सहायिकाओं ने   23जनवरी 2023 से  प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्र को बंद कर अनिश्चितकालिन धरना प्रदर्शन करने की व्यापक तैयारियां कमर कसकर कर रहे हैं अब आरपार की लड़ाई है जिसे और तेज किया जा रहा है। सरकार को लेने का देना पड़ेगा।
मुख्य मांगे:-
1,शासकीय कर्मचारी घोषित करने,
2,मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कार्यकर्ता पद पर संविलयन ,
3,पेंशन योजना लागू ।
4,अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान।
5,सेवारत कार्यकर्ता सहायिका को 100%पदोन्नति में आरक्षण दो।
6,अन्य विभागों का काम लेना बंद करो।
7,जब तक मोबाइल नहीं
तब तक मोबाइल से काम नहीं।
8,मोबाइल डाटा और मोबाइल भत्ता दो।
9,सिर्फ सहायिका पद पर भर्ती हो,
बाकी पद में पदोन्नति से भर्ती हो।
10,क्रेश कार्यकर्ताओं को नियमित करने

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