बिलासपुर /इतिहास गवाह है जब कभी भी नारी का अनादर हुआ है तब तब अनादर करने वालो का राजपाट/ सत्ता समाप्त हुआ है।

दूसरी ओर भारत मे नारी को सर्वोच्च स्थान दिया गया है जो महापुराणों में उल्लेख है।पिछले 13 दिनों से प्रदेश के लगभग एक लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपनी मांगों को लेकर अपने घरों से निकलकर सड़को पर हड़ताल पर बैठने को मजबूर हैं ।ये पिछले 13 दिनों से अपनी मांगो को लेकर स्थानीय कोंन्हर गार्डन मैदान में बैठी हुई हैं इन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन हमारे आवाज को दमन करने की पुरज़ोर प्रयास कर रही हैं इन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाते बताया कि हमने हड़ताल के लिए नेहरू चौक में धरने के लिये अनुमति मांगी थी पर हमें जान बूझकर जगह नही दिया गया।इन्होंने यह भी बताया कि हमे समय समय पर यहां से भी हड़ताल बंद करने की धमकी दी जा रही हैं। हम लोग अपनी 6 सूत्रीय मांग जिसे वर्तमान सरकार ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था जिसे आज चार साल होने के बावजूद पूरा नही की है।इसी मांग को लेकर यह हड़ताल की जा रही है ।उपरोक्त कथन आज जुझारू संगठन की बिलासपुर जिला अध्यक्ष मंजू मिश्रा ने कहा इन्होंने आगे कहा कि जब सभी कोरोना महामारी लॉक डाउन में अपने घरो में दुबके हुए थे तब भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकावो ने हितग्राहियों के घरों में जाकर  सरकार की योजनाओं का हितग्राहियों कोलाभ पहुचाया।दूसरी ओर हमसे सरकार वह सभी कार्य करवाती हैं जो जनता के मूल भूत आवश्यकता के दायरे में आती हैं लेकिन वर्तमान सरकार को लाखों की संख्या में पिछले 13 दिनों से अपनी मांग के लिए धरने में बैठे छत्तीसगढ़ की महिलाओं की आवाज सुनाई नही दे रही है।इसमें धरने में रोजाना शामिल होने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओ ने बताया कि हम अपनी जायज मांगो को लेकर पिछले 13 दिनों से दूर दराज ग्रामो से अपनी घर परिवार बच्चों को छोड़कर आ रही है ताकि हमारी आवाज सरकार की कानों में जा सके पर आज 13 दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस सरकार के पास हमारी आवाज नही गई हैं इसे हम समझ नही पाये है कि हम गूँगी हैं या सरकार बहरी है। एक तरफ वर्तमान सरकार ग्रामों में जनसुनवाई के माध्यम से लोगों की समस्याओं का निराकरण करने की दावा कर रही हैं वही लाखों की संख्या में अपनी मांगों को लेकर पिछले13 दिनों से धरने में बैठी छत्तीसगढ़ की महिलाओं की आवाज को सुन नही पाई है ।जो सरकार लाखो महिलाओं की आवाज को नही सुन पा रही वह क्या एक एक जनता की बात सुनेगी ।इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की जनसुनवाई केवल ढकोसला है । वही आगे हड़ताल को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की पदाधिकारियो ने बताया कि हमारी यह हड़ताल निरंतर जारी रहेगी हम टूटेंगी नही और न ही हारेंगी पर हमारी जायज मांगों को नही सुनने वाली सरकार समझ ले हम छत्तीसगढ़ की नारी हैं हमारी मजबुरी का माख़ौल बनाने वाली सरकार को हम सबक सिखा के रहेगी।हम देखना चाहती हैं कि सर परस्ती की तमन्ना अब हमारे दिल में है  देखना है जोर कितना बाजुएं क़ातिल में है ।

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