बिलासपुर/डॉ. सी वी रमन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया. यह आयोजन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में मातृभाषा का महत्व विषय पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर अतिथि वक्ताओं ने मातृभाषा के महत्व को बताते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में उसके महत्व को विस्तार से बताया और अपने अनुभव भी साझा किए। यह आयोजन भाषा विज्ञान विभाग छत्तीसगढ़ी शोध एवं सृजन पीठ, एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब एवं आइक्यूएसी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार नंद कुमार शुक्ला ने कहा कि भाषा संस्कृति की प्राण होती है. उन्होंने कहा कि भाषा के मरने से संस्कृति मर जाती है और संस्कृति के मरने से समाज मर जाता है, और जब समाज लुप्त हो जाएगा, तो विविधता पूर्ण संसार के लिए यह बहुत घातक है। इसलिए आज हर भाषा को लुप्त होने से बचाने की जरूरत है । उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा के महत्व को विस्तार से बताया और उसकी उपयोगिता को प्रमाणित भी किया।कार्यक्रम में वक्ता के रूप में उपस्थित जेपी वर्मा महाविद्यालय की प्राध्यापक मंजुला पांडे ने कहा कि मूल्यों के सृजन में सबसे महत्वपूर्ण मातृभाषा भाषा ही होती है. भाषा संस्कार देती है और भाषा परिमार्जित भी करती है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा भाषा से संवेदनात्मक और बौद्धिक विकास होता है। इस अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भाषा संस्कृति की आत्मा हैं। कार्यक्रम में उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा के महत्व को स्पष्ट किया गया है। लेकिन इसके पूर्व से ही विश्वविद्यालय इस दिशा में कार्य कर रहा है उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई विश्वविद्यालय में की जा रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ी लोक कला एवं संस्कृति केंद्र, रामन लोक कला महोत्सव छत्तीसगढ़ी संजोही ही जैसे कई कार्य विश्वविद्यालय कर रहा है। उन्होंने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत में भी संस्कृतियों के आदान-प्रदान को लेकर अनेक आयोजन किए जा रहे हैं। इस अवसर पर उपस्थित डीन अकादमिक डॉ अरविंद तिवारी ने कहा कि सबसे पहले तो भाषा को मूल रूप में जानने समझने और सीखने । की जरूरत है इसके बाद वास्तविक रूप में ही भावी पीढ़ी को हस्तांतरित करने की जरूरत है. हम अपनी मातृभाषा से दूर होते जा रहे हैं, यह चिंता का विषय है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ. आंचल श्रीवास्तव ने दिया कार्यक्रम में आभार प्रकट डॉ स्नेह लता निर्मलकर इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के शाहिद हुसैन ने किया। इस अवसर पर सभी विभाग के विभागाध्यक्ष प्राध्यापक उपस्थित थे।

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