बिलासपुर/गौरेला/पेन्ड्रा/मरवाही- कहावत सही है कि कोशिश करने वाले कि कभी हार नही होती हैं जब विश्वास हो अपने आप पर ,जिसे चरितार्थ कर दिखाया है बेलपत निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग हीरा सिंह पैकरा ने इन्होंने क्या गर्मी क्या बरसात और क्या ठंड इनका कभी परवाह नहीं किया जिसका आज परिणाम यह है कि हीरा सिंह अब गर्व के साथ अपनी भूमि 264/1/क/1-14.235 हेक्टेयर भूमि 0.400 का भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय {अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) नियम, 2008 का नियम 8(ज)  अधिभोग के अधीन वन भूमि के लिए हक वन अधिकार पट्टा प्राप्त कर आज 5अगस्त को अपने भूमि पर जाकर धान की बुवाई किया ,हालांकि इनके द्वारा विगत कई वर्षों से इस भूमि पर किसानी करते आ रहे हैं ,हीरा सिंह ने बताया कि इस  अधिकार पट्टे के लिये मैंने काफी जद्दोजहद किया इसमे कई अड़चनों का सामना भी करना पड़ा पर अततः प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री और कलेक्टर सहित गौरेला, पेन्ड्रा, मरवाही के प्रशाशनिक अधिकारियों के सहयोग से मेरा मेहनत आज रंग लाया है इस पर बुजुर्ग हीरा सिंह ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है ,और अब इन्हें पूर्ण विश्वास हो गया है कि जल्द ही इनके बाकी मामलों का भी अतिशीघ्र निराकरण मिल सकेगा,
वही देखा जा रहा है इनके इस जीत पर कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के पैर के निचे से जमीन कि ही खिसक गया है और आनन फानन में हाथ पैर मारने लगे हैं ,इधर बेलपत के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि हमने भी पंचायत में विधिवत पट्टे के लिए आवेदन किया है वही  लंबे समय होने के बावजूद भी स्थानीय जनप्रतिनिधि के द्वारा लगातार घुमाया जा रहा है कुछ ग्रामीणों ने यहाँ तक आरोप लगाया है कि आवेदन के साथ साथ अन्य सहयोग करने के बावजूद भी कुछ भी हासिल नही हुआ है ,चूँकि यहाँ का स्थानीय जनप्रतिनिधि बाहुबली एव ऊँची  राजनीतिक पकड़ रखे हुआ है जिस वजह से मनमानी करता है और पंचायत को अपनी निजी जागीर समझ रहा है ।वही स्वयं ही कई बडे गफलत करके बैठा हुआ है कुछ मामलों पर जांच भी प्रारंभ हो गया है ।

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