भारतीय वन सेवा के अफसर रहे शिवशरण धर बड़गैंया (एस एस डी बड़गैया )लोरमी व अचानकमार टाइगर रिजर्व समेत बिलासपुर में लंबे समय तक सेवा देने के बाद राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकते हैं. इन्होंने अभी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामे है . इन्होंने पिछले दिनों विधिवत रायपुर स्थित भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीय ,भाजपा प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन,पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व स्पीकर धरमलाल कौशिक, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ,की मौजूदगी में पार्टी में प्रवेश किये। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और पूर्व सीएम रमन सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। वही शासकीय सेवा श्री बड़गैंया का अप्रेल 1985 में सहायक वन संरक्षक बिलासपुर वन मंडल से प्रशिक्षण प्राप्त पश्चात उप मण्डलाअधिकारी के पद पर लोरमी में प्रथम नियुक्ति रही ,इन्होंने 1994-1998 उप मण्डलाधिकारी लोरमी- पंडरिया एवं 2003–2004 मे I.F.S. एवार्ड होने के पश्चात 2005 से 2011 तक वनमण्डलाधिकारी बिलासपुर सहित 2018-2019 पदोन्नति पश्चात सी सी एफ दुर्ग. •2021-2022 पदोन्नति पश्चात अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर,व इसी पद से सेवा निवृत हुए। श्री एस एस डी बड़गैया
एक मात्र सहायक वन संरक्षक हैं जो अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद तक पदोन्नत हुये और इनका पूरा कार्यकाल छत्तीसगढ़ में रहा।
वैसे यह कोई पहली बार नहीं है, जब कोई शासकीय सेवानिवृत्त या सेवारत अधिकारी, कर्मचारी जो कि राजनीतिक पार्टियों में जुड़े हैं अधिकतर अधिकारियों ने राजनीतिक पार्टियों में जुड़कर चुनाव तक लड़े है इसके पूर्व छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी अब हमारे बीच नहीं हैं. वे छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री थे. अजीत जोगी 1968 बैच के आईएएस अफसर थे. पहले उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हुआ था लेकिन उन्होंने दोबारा से परीक्षा दी और फिर आईएएस बन गये ..उन्होंने राजनीति में अपना अमिट स्थान बनाया।इसी तरह विधायक मोहन मरकाम को सरकारी नौकरी में रहे और राजनीति में कदम रखते हुए कोंडगांव विधायक एवं मंत्री रहे ।छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में रायपुर के कलेक्टर चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा. वह 2005 बैच के आईएसएस अधिकारी रहे हैं.इसके अलावा भी बीजेपी के बड़े नेता यशवंत सिन्हा 1960 बैच के IAS अफसर , वह साल 1984 तक प्रशासनिक सेवा मे रहे इसी तरह अन्य बड़े नेताओं में आर के सिंह बीजेपी के बड़े नेता हैं. उन्हें केंद्र में मंत्री पद भी मिला. आर के सिंह 1975 बैच के आईएएस अधिकारी थे. 1990 में रथ यात्रा निकालते हुए एल के आडवाणी को जब बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार किया गया था तब आर के सिंह ही जिले के डीएम थे.
बीजेपी नेता अल्फोंज कन्ननाथनम 1979 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं. वह मूल रूप से केरल के कोट्टायम जिले के रहने वाले हैं. अल्फोंज कन्ननाथनम राज्यसभा सांसद बने फिर नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री भी बने. वीएस चंद्रलेखा 1971 बैच की आईएएस अधिकारी रही हैं. उनका कैडर तमिलनाडु था. चंद्रलेखा पर एसिड अटैक हो चुका है. उस हादसे के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया था. फिलहाल वह बीजेपी में हैं
वही बात करे श्री बड़गैंया के शासकीय सेवा का तो ये सबसे ज्यादा समय लोरमी विधानसभा में 24 वर्ष तक कार्य करने का मौका मिला। वही मिलनसार और सामाजिक कार्यों में हमेशा जुड़े होने के वजह से सभी गांवो के समाज प्रमुखो से आज भी सीधा संपर्क बना हुआ है वही इनका भाजपा की संस्कृति, अनुशासन व विचार धारा से प्रभावित होने की वजह ही पार्टी में जुड़ने का महत्वपूर्ण वजह माना जा रहा है।
