बालकुंवर का नामांतरण मामला न्यायालय ने स्वतः कर दिया निरस्तीकरण …पटवारी, कोटवार समेत मामले के संबंधितों पर उच्चस्तरीय जांच की मांग

गौरेला/पेंड्रा/मरवाही -राजस्व मामलों को लेकर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि राजस्व मामलों में किसी भी तरह का गड़बड़ी की शिकायत पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों पर शक्त कार्यवाही की जायेगी , इस निर्देश के बाद लगातार एस डी एम से लेकर तहसीलदार, पटवारी, आरआई के विरुद्ध राजस्व मामलों में गड़बड़ी करने पर कार्यवाही किया गया है ,इसके बावजूद भी राजस्व मामलों में वनांचलों में अधिकारियों समेत पटवारियों के द्वारा मनमानी किया जा रहा है ।

खास तौर पर नामांतरण, डायवर्सन,सीमांकन समेत अन्य मामलों पर लेनदेन करके भारी गड़बड़ी कर दिया जा रहा है ,कुछ इसी तरह का मामला न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा०), पेण्ड्रारोड जिला- गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही (छ0ग0)
अपील क0 202309280300004/31-6/
2021-23 ग्राम- नवागांव, प.ह.नं.
08 रा.नि.मं– पेण्ड्रा, तहसील- पेण्ड्रा जिला- गौरेला पेण्ड्रा गरवाही (छ०ग०) में नामांतरण का एक अजीबोगरीब मामला देखा गया है इसमें अपीलार्थी बालकुंवर पुत्री दयाराम निवासी ग्राम- नवागांव, तहसील- पेण्ड्रा, जिला- गौरेला पेण्ड्रा मरवाही (छ०ग०), दयाराम के फौत होने पर भूमि वीरेन्द्र सिंह ,
औरेन्द्र सिंह ,चौरेन्द्र सिंह ,तिलकुंवर एवं रेमकुंवर की पैतृक भूमि एवं स्वामित्व हक की कुल भूमि जो कि ग्राम नवगांव, प.ह.नं.- 20, तहसील पेण्ड्रा स्थित कुल भूमि खाता कमांक 489 में दर्ज कुल ख.नं. 10 कुल रकबा 3.558हे. भूमि पैतृक हक तथा क्रय की हुई भूमि खाता कमांक 488 ख.नं. 588/1 रकबा 0.809हे. भूमि इनकी हक की है जिसपर वर्तमान में काबिज कास्त है ,वही इनका नामांतरण का मामला बाल कुंवर पुत्री दयाराम पति रामेश्वर के नाम से लगाया गया है ,

चूँकि अकेले बालकुंवर का नाम जोड़ दिया गया है जबकि बाल कुंवर समेत एक और भी बहन है ऐसे में दोनों का नाम जोड़ा जाना था ,वही मामले की बात करे तो रेवन्यू ई कोर्ट में 14 अगस्त 2024 का आदेश 28अगस्त 2024 तक मे प्रकरण अभिलेख अद्यतन की स्थिति पूर्ण बता रहा था इसमे अनावेदक द्वारा जब तहसील कार्यालय में प्रकरण की जानकारी लेने के लिये तहसीलदार पेंड्रा में नकल मांगे जाने पर देने से मना कर दिया गया और आननफानन में बालकुंवर के प्रकरण को अपूर्ण /त्रुटि पूर्ण बता कर निरस्त कर दिया गया, ऐसे में क्या स्थिति निर्मित हुआ कि अभिलेख अद्यतन होने के बावजूद प्रकरण को त्रुटि पुर्ण बताया गया ,यद्पि प्रकरण त्रुटिपूर्ण रहा तो मामला न्यायालय में स्थापित कैसे कर लिया गया ,इतना ही नहीं मामले को संदर्भित न्यायालय द्वारा संबंधितों को उपस्थिति हेतु नोटिस जारी कर दिया गया ,
देखे तो पूरे मामलों का चलन नवागांव के हल्का पटवारी समेत ग्राम कोटवार और अमरचंद ,सुदर्शन केंवट,रामेश्वर के जालसाजी और मनमानी रवैये से निर्मित हुआ है इन लोगों के द्वारा वर्तमान में 27 अगस्त 2024 को जारी निर्देश के तहत वंशावली पंचनामा बनाकर 3 सितंबर 2024 को पेश किया गया उसमे इन्होंने जानते बुझते एक और महत्वपूर्ण वारिससन (बहन) का नाम गायब कर दिया गया जबकि रेमकुंवर का पूर्व में ही फौत हो चुका है इसके बावजूद मृतक का नाम से नामांतरण कर रिकॉर्ड दुरुस्त करने की पूरी तैयारी कर ली गई थी इस तरह से अवैधानिक कार्य किये जाने के एवज में हल्का पटवारी समेत कोटवार के खिलाफ बर्खास्ती समेत दंडात्मक कार्यवाही की मांग किया जा रहा है ,और पूरे इस मामले को उच्चस्तर पर प्रदेश के मुख्य मंत्री समेत राजस्व मंत्री से शिकायत करने की तैयारी है ।
इस मामले में जनहित चर्चा के दौरान बताया जा रहा है कि बालकुंवर नवागांव में ही रहती है उसके बावजूद इन्होंने अपने पिता के जीवित रहते कभी भी पिता के अश्वस्थता की स्थिति तक मे विगत 40 वर्षो में देखने तक नही आई ,इतना ही नहीं पिता के मृत्यु हो जाने पर उनकी अंतिम दर्शन तक के लिए नही उपस्थित हुई जबकि रिश्तेदारों और सामाज के लोगों द्वारा लगातार उन्हें बार बार बुलावा भेजा गया ।वही अब पिता के मृत्यु उपरांत लिमिटेशन अधिनियमो को ताक में रखकर संपति पर आधिपत्य की मांग कर रही हैं जिसे समाज के जनप्रतिनिधियों और समाज ने न्याय विरुद्ध बताया है ।वही इस एक मामले में राजस्व दस्तावेज में दोहरा मापदंड अपनाया गया है जो अब सदिग्ध नजर आ रहा है ।
