एक आर आईं पर 19 गांव का भार ऐसे में कैसे होगा कार्य … बाहरी तत्व संभाल रहे अंदर बाहर का लेखा जोखा ,,अब माननीय हाईकोर्ट के संज्ञान में आने से लग सकेगा सीसीटीवी

प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आई भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस पर जोर- शोर से काम करना शुरू करने का दावा किया है, पर बिलासपुर तहसील की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है,

बिलासपुर / एक बेचारा बोझ का मारा,, भ्रष्टाचार का अध्याय बना तहसील विभाग का सुधरना शायद मुमकिन नहीं है उच्च अधिकारियों समेत विधायक और मंत्रियों की जानकारी में आने के बावजूद भी यहां से भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पा रहा है

यहां दिनदहाड़े लेनदेन का काम खुले आम चल रहा है पर कोई देखने बोलने वाला नहीं, भ्रष्टाचार के मलाई में सने यहां के अधिकतम आर आई जो करें वह काम है वहीं इसका मुख्य वजह प्रशासनिक रवैया भी है देखा जा रहा है कि डायवर्सन विभाग में एक 

को 19 ग्रामों का भार दे दिया गया है

जिसकी वजह से साधारण काम भी अटक जा रहा है

ऐसे में अधिक भार होने की वजह से अंदर और बाहर लिखा जोखा के लिए बाहरी गैर जिम्मेदार लोगों को रखकर लोगों की गोपनीय  दस्तावेजों को उनके हवाले कर दिया गया है जो कि उनके मौजूदगी और गैर मौजूदगी में जमकर भ्रष्टाचार लेनदेन कर रहे हैं लोगों और पीड़ितों का कहना यहां तक है कि इन आर आईयो से काम पड़ने या मिलने पर ये  आर आई इन बाहरी तत्वों से संपर्क साधने की सलाह देते हैं।आज भी खुले आम यहाँ कार्य कर रहे एक तत्व ने डायवर्सन विभाग के बाहर गेट में  समय 1:20  पर एक आम आदमी से लेनदेन करता नजर आया और लेनदेन के बाद यह बंदा पुनः अंदर जाकर दस्तावेज को सँभालने में मशगूल हो गया ।


वैसे तो तहसील विभाग में लाखों का लेनदेन करना फिर पकड़ा जाना एक आम बात हो गया है वही लेनदेन करते एक दो लोग नपे भी हैं इसके बावजूद भी यहां कोई फर्क नहीं पड़ रहा है ,अखबारों और मीडिया समेत आमलोगों के कई बार फरियाद करने के बावजूद इन विभागों में सी सी कैमरा नही लगाया जा रहा है ,यंहा चल रहे भ्रष्टाचार पर माननीय हाईकोर्ट ने भी संज्ञान में लिया है , क्या वाकई में यहाँ के जिम्मेदार अधिकारियों को यहाँ काम ले रहे बाहरी तत्वो की जानकारी नही है वही क्या वजह है

कि लोगों की मांग के बावजूद डायवर्सन विभाग और तहसील के मुख्य विभागों में सीसीटीवी कैमरा नही लग पा रहा है जबकि वर्तमान में शहर के चौक चौराहों तक में कैमरा लगा है यहाँ तक माननीय जिला दंडाधिकारी समेत माननीय हाईकोर्ट में सी सी कैमरा लगा हुआ है ऐसे में यहाँ जनहित में और यहाँ चल रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने क्या सी सी कैमरों का लगाना उचित नहीं है अब देखना है इस जनहित मुद्दे को लेकर माननीय हाईकोर्ट लोगों  की समस्या को लेकर इसे कब तक अपने संज्ञान में लाता है।यहाँ तक माननीय जिला दंडाधिकारी समेत माननीय हाईकोर्ट में सी सी कैमरा लगा हुआ है  ऐसे में यहाँ जनहित में और यहाँ चल रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने क्या सी सी कैमरों का लगाना उचित नहीं है अब देखना है इस जनहित मुद्दे को लेकर माननीय हाईकोर्ट लोगों  की समस्या को लेकर इसे कब तक अपने संज्ञान लाता है।

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