स्मार्ट सिटी की गांधी चौक से जूना बिलासपुर की मुख्य सड़क  के असंख्य गड्डो ने दर्जनों लोगों को सिम्स पहुचाया …सड़क की कुछ ऐसी है स्थिति देखे वीडियो

बिलासपुर/ ” बाबू जी धीरे चलना राह में जरा संभलना ,बड़े धोखे है इस राह में ”ये एक पुराने फ़िल्म का नगमा है जो जूना बिलासपुर मेन रोड में चरितार्थ हो रहा है ,  कहने के लिये बिलासपुर स्मार्ट सिटी का राग अलापा जा रहा है स्मार्ट सिटी के नाम पर प्रशासन अपना खुद का कंधा थपथपाने में लगे हैं और कागजों में बिलासपुर स्मार्ट सिटी के नाम पर अधिकारी/जिम्मेदार कर्मचारी  खूब तारीफे बटोर रहे है पर वास्तविकता    जस्ट विपरीत है ,जी हाँ
बिलासपुर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करीब 812 करोड़ रुपये के 45 प्रोजेक्ट पूरे होना अधिकारियों के द्वारा बताया जा रहा है  इसमें कुछ महत्वपूर्ण  प्रोजेक्ट अधूरे  कहा जा रहा हैं। वही स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों पर अब तक कुल 650 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जिसमें से 85% काम पूरे होने का दावा किया गया है।यह सब कागजों में तैयार है पर जनता की मूलभूत सुविधाओं  में सड़क नाली का रोना है कहि सड़क चलने योग्य नहीं तो कही थोड़े बारिश होने पर भारी जल भराव से आम जनता का बुरा हाल है बात करे मुख्य सड़कों का तो गाँधी चौक से लगभग 50 फलांग जूना बिलासपुर  क्षेत्र पार करते तक सड़क की दुर्दशा ऐसी है कि दो पहिया वाहन की तो बात छोड़ दे चार पहिया वाहनों को भी बच बच के चलाना पड़ रहा है इस सड़क में अनगिनत गड्डों का भरमार है थोड़े  से बारिश में यह सड़क जानलेवा साबित हो जाता हैं सैक दुर्घटनाये और दर्जनों लोगों के इन गड्डों में गिरने से गंभीर चोटें  आ चूंकि है पर लगभग छह महीने से यह स्थिति बनी हुई हैं पर मजाल है कि किसी भी अधिकारी के कान में जु तक रेंगी हो ,,,वही। ऐसा भी नही है कि यहां से निगम /प्रशासन के अधिकारी नही गुजरते पर महीने 15 दिनो मे  एकात चक्कर लगाने में थोड़ा बहुत परेशानी अगर हो भी जा रही हैं तो कोई बड़ी बात नहीं है और रही बात यहाँ रहने वाले लोगों की या रोजाना यहाँ से गुजरने वालों की तो उसके लिये फ्री इलाज के लिए सिम्स और जिला अस्पताल तो है ही ।
अब देखना है कि इसके बाद निगम / प्रशासन के बड़े पदो में विराजमान अधिकारियों की सुध इस ओर आकर्षित होती हैं या फिर ….इस सड़क के लिये स्वंय भगवान विश्वकर्मा को प्रसन्न करना पड़ेगा ।