
बिलासपुर -जिला रजिस्टर कार्यालय जहां लोगों की खून पसीने की कमाई से बनने वाले आशियाने की जमीन मकान की रजिस्ट्री होती है लोग सालों साल एक एक रुपए जोड़कर जमीन मकान खरीदते हैं ऐसे में उनके दस्तावेजों को असुरक्षित रखा जाना या छेड़छाड़ किया जाना कितना जायज है यह रजिस्ट्रार के अधिकारी ही बता सकते हैं देखा जा रहा है कि आरटीओ के बाद अब जिले की अति संवेदनशील विभाग रजिस्ट्री कार्यालय दलालों के चंगुल में हैं इन दलालों का दखल विभाग के दस्तावेजों और लगभग सभी जगह है यहां सीधे तौर पर रजिस्ट्री कराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है वही दलालों के माध्यम से रजिस्ट्री कराने पर एक तो भोले भाले गरीब एवं ग्रामीण खासतौर पर कम पढ़े लिखे बड़ी रकम ठगे जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर विभाग के भीतर ऐसे कई दलाल सक्रिय हैं जो बताओ कब चाली भाग में बने हुए हैं या फिर कर्मचारी ही दलाली की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं दलालों और अधिकारियों की सांठगांठ की बात करें तो यहां से रजिस्ट्री करा कर निकलने वाले लोगों से पूछने पर सच्चाई सामने आ सकती है
अधिकारियों के द्वारा दलालों के हिसाब से रजिस्ट्री आंख बंद कर करके किया जा रहा है जिसकी वजह एक ही भूमि कई दफा खरीदी बिक्री हो जा रही है तो कभी तो दलालों के लाई रजिस्ट्री की आंख बंद करके विभाग के जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी कर्मचारी रजिस्ट्री कर दे रहे हैं इसमें कुछ दलाल ऐसे भी हैं जो जानबूझकर दस्तावेजों में गड़बड़ी करने में बाज नहीं आते हैं ताकि इसे सुधारने के एवज में मोटी रकम ऐंठ सके इसमें अधिकारियों की भूमिका भी काफी संदिग्ध बनी हुई है दूसरी ओर रसुददार और भू माफिया कभी भी किसी भी समय आकर अपना कार्य करवा लें रहे है और इन लोगों के आवभगत की भी कमी नहीं होती है, ऐसे में कई उदाहरण अखबारों में आए दिन प्रकाशित होते रहते हैं इन्हीं में से एक ऐसा मामला संज्ञान में आया है जिसमें b1 खसरा में सब कुछ ठीक होने के बावजूद रजिस्ट्री के वक्त खसरा नंबर ही गलत टाइप करके रजिस्ट्री करवा दिया गया वहीं रजिस्ट्री होने तक किसी भी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ने इसे नहीं रोका टोका अब क्योंकि मालिक सालों से एक अंक को सुधरवाने अधिकारियों और विभाग के दलालों के चक्कर काटने मजबूर है देखा जा रहा है कि जिला पंजीयक कार्यालय एक तरफ दलालों के चंगुल से नहीं निकल पा रहा है जिसका खामियाजा भोले भाले लोगों को भुगतना पड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर यह शासकीय कार्यालय जश्न का अड्डा बना हुआ है पिछले कुछ माह पूर्व कार्यालय के भीतर जन्मदिन मनाकर केक काटा गया तथा केक एक दूसरे के ऊपर फेंका गया जिसे लोग अचरज से देखते रहे वही लाखों करोड़ों रुपए कमाई वाले इस विभाग में रजिस्ट्रेशन के लिये आने वाले लोगों के लिए खास तौर पर महिलाओं के लिए एक बाथरूम तक नहीं है ऐसी अव्यवस्था भर्राशाही और दलाली, लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
