बिलासपुर-डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय में चल रहे रामन लोक कला महोत्सव2022 में आज गुरुवार को भारी भीड़ उमड़ी रही. इस अवसर  प्रदर्शनी में विद्यार्थी और अचल के लोग यहां पहुँचकर जानकारी लेते रहे.वही छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लोगो ने खूब लिया.इधर संस्कृतिक कार्यक्रम करमा नृत्य, पंडवानी, डंडा नृत्य मड़ई नृत्य और भरथरी का बहुत सराहा. आज आयोजन के मुख्य अतिथि एसईसीआर के महाप्रबंधक आलोक कुमार ने कहा कि संस्कृति का सीधा तालमेल जीवन से होता है, जो जीवन संस्कृति से जुड़ा होता है वो उच्च स्तर तक जाता है. विशिष्ट अतिथि बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि सीवीआरयू कला महोत्सव के माध्यम से कलाकरों की कला को स्थान दिया गया है.

आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय कलाकार यहां अपनी प्रस्तुति देंगे ऐसा मेरा विश्वास है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आयोजन के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि कला, संस्कृति, साहित्य, उद्योग, शोध, छत्तीसगढ़ी व्यंजन कलाकार, अतिथि और विद्यार्थी के साथ ग्रामीण अंचल के लोग एक विशेष संयोग आज यहां दिखाई पड़ रहा है, महोत्सव के बाद हमारे युवाओं के मन में शोध, संस्कृति, उद्योग एवं अन्य रास्ते खुलेंगे जिसका लाभ विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ को मिलेगा. सम कुलपति डा जयंति
चटर्जी मित्रा ने कहा वास्तव में ग्रामीण जीवन शैली, परंपरा, संस्कृति, ही जीवन का मूल आधार है, और इस शैली में जीवन जीते हुए व्यक्ति अपने – गांव घर में ही आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर होता है. कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अरविंद तिवारी ने कहा
कि छत्तीसगढ़ लोक कला संस्कृति के विभिन्न विधा के कलाकारों को जो छग प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बसते हैं इन्हें विवि रामन लोक कला महोत्सव के माध्यम से विशष्ट मंच प्रदान करने का कार्य कर रहा है.सीवीरामन के कुलसचिव गौरत शुक्ला ने कहा कि लोक कला और परंपरा के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर सकते है लोक कलाकार वैश्विक मंच में कंपनियों ब्रांड एम्बेस्डर, बड़े विज्ञापनों के आधार बनकर, कई क्षेत्रों से जुड़कर कलाकार सुखद व सफल जीवन यापन कर रहे हैं. इस क्षेत्र में सम्मान भी हैं ,देखा जा रहा है कि डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय में चल रहे रामन लोक कला महोत्सव को लोगों के द्वारा काफी सराहा जा रहा है।

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