रायपुर/बिलासपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के पूर्व  धरना और प्रदर्शन का दौर तेज हो गया है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तर पर महिला एवं बाल विकास के महिला पर्यवेक्षक जुटे और उन्होंने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

महिला पर्यवेक्षको  ने अपनी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति दूर करने को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. इसके पहले भी विगत 20 फरवरी को महिला पर्यवेक्षको ने एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन कर रही महिला पर्यवेक्षको का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नही की जाती है तो अगले महीने से प्रदेश भर की महिला पर्यवेक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल करने विवश हो जाएंगी । इसके अलावा महिला पर्यवेक्षक एक न्याय यात्रा निकालकर दिल्ली जाएंगे. जहां प्रियंका गांधी से मुलाकात करेंगे. छत्तीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक कल्याण संघ की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु परिहार ने कहा है कि “हमारी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति है. इसी मांग को लेकर आज प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रशासन ने इनकी छुट्टियों को भी रद्द कर दिया है. इसकी वजह से महिला पर्यवेक्षको में असंतोष है. हमने पिंगुआ कमेटी के पास अपनी मांगें रखी हैं. लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिल पाया है. इन्होंने आगे बताया कि महिला बाल विकास विभाग में महिला पर्यवेक्षको के 1750 पद हैं, जिसमें से पूरे प्रदेश में लगभग 1450 पर्यवेक्षक तैनात हैं. छत्तीसगढ़ में काम करने वाले पर्यवेक्षक 5 साल से लेकर लगभग 30 साल तक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन उन्हें न तो प्रमोशन मिला न ही उनका वेतन बढ़ा. अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के महिला पर्यवेक्षको को वर्तमान में 2400 रुपए ग्रेड पे मिल रहा है. लेकिन पर्यवेक्षक चाहती हैं कि उन्हें 4200 रुपए ग्रेड पे मिलना चाहिए.पर्यवेक्षक संघ शुक्रवार को दोपहर 11 बजे से रायपुर के बूढ़ातालाब में धरना देकर अपनी मांगों को लेकर शासन का ध्यान आकृष्ट किये।

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