बिलासपुर/शहर में लोग मच्छर के आतंक से परेशान हैं। क्या दिन और क्या रात मच्छरों ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है वही बरसात की वजह से पूरे शहर में मच्छर और भी दोगुना हो गया है इधर निगम का फॉगिंग मशीन अब केवल विधायक महापौर और निगम समेत प्रसाशनिक अधिकारियों वीआईपी बंगलों और वीआईपी कालोनी तक सीमित रह गया है । वही शहर के कई ऐसे क्षेत्र है जहाँ लोगों को याद तक नही की कब फागिंग मशीन आया रहा।शहर की आम जनता मच्छर के प्रकोप बढ़ने से लोगों को मच्छर से होने वाले रोग की आशंका सताने लगा है ।बरसात की वजह से बिजली गुल होते ही कमरे में एक मिनट के लिए रुक पाना मुश्किल होता है। सबसे ज्यादा तो बच्चों को लेकर चिंता होती है। कहीं इन मच्छरों के कारण बच्चों को डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी न हो जाए। खासकर जलजमाव वाले इलाके के लोग मच्छर के आतंक से अधिक परेशान हैं। सोते- जागते, उठते-बैठते हर वक्त मच्छरों की भिनभिनाहट और डंक से लोग परेशान हैं। बावजूद इसके निगम और स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य जिम्मेदार विभाग लापरवाह बने हुए हैं। साथ ही शहर के जिम्मेदार नेताओं ने कभी इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा है ।वही शहर वासियो का कहना है कि शहर के आम नागरिकों की चिंता न तो विधायक को हैं और न ही जिम्मेदार अन्य नेता अधिकारियों को हैं ,
देखा जा रहा है कि मच्छरों को भगाने के लिए जलाए जाने वाले क्वायल व मच्छर अगरबत्ती सहित अन्य उपाय भी कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं। लोग ज्यादा देर क्वायल इसलिए भी नहीं जला पा रहे हैं कि इसका धुआं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। शहर के घनी आबादी क्षेत्र वाले मोहल्लों में मच्छरों का प्रकोप इस कदर बढ़ जाता है कि लोगों का चैन से बैठना भी मुहाल हो गया है।
