बिलासपुर। अपोलो अस्पताल प्रबंधन बिलासपुर और उनके डॉक्टरों के खिलाफ थाने में जुर्म दर्ज किया गया है। ये अपराध घटना के सात साल बाद मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आने के बाद दर्ज किया गया है। प्रबंधन पर ईलाज में लापरवाही करने का आरोप है। जिसके कारण एक युवक की मौत हो गई थी।
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 26 दिसंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबडा आ. परमजीत सिंह छाबडा, उम्र 29 साल साकिन आदर्श कॉलोनी दयालबंद थाना कोतवाली जिला बिलासपुर की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने अपने मेमो में सल्फास का सेवन करने से मृत्यु होने का जिक्र किया था। तब थाना कोतवाली में मर्ग क्रमांक 45 /2016 धारा 174 जाफौ कायम कर जांच किया गया। जांच के दौरान मृतक के परिजनों ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं संबंधित डॉक्टरों पर ईलाज में लापरवाही बरतने एवं गलत उपचार करने का आरोप लगाया था। जिसकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को लिखा गया था। जांच में मृतक का पोस्ट मॉर्टम सिम्स अस्पताल बिलासपुर से कराया गया और जप्तशुदा प्रदर्शों का परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर से कराया गया। मृत्यु के संबंध में संभागीय मेडिकल बोर्ड छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट इस वर्ष फरवरी में प्राप्त हुई थी। जिसमें विशेषज्ञों ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं संबंधित डॉक्टरों पर ईलाज के दौरान लापरवाही बरतने की पुष्टि हुई थी। इस संबंध में डायरेक्टर संचालनालय मेडिकोलीगल संस्थान गृह (पुलिस) विभाग, मेडिकोलीगल विशेषज्ञ एवं मेडिकोलीगल सलाहकार छत्तीसगढ़ शासन जेल रोड मेडिकल कालेज भवन रायपुर से अतिरिक्त विशेषज्ञ जांच कराया गया। जिसकी रिपोर्ट 27.09.2023 को मिली। रिपोर्ट में विशेषज्ञों एवं अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही किये जाने के संबंध में अलग-अलग बिन्दुओं पर उल्लेख किया गया है। इस प्रकार मर्ग जांच, मेडिकल बोर्ड, विशेषज्ञ की जांच रिपोर्ट के आधार पर मृतक गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबडा आ. परमजीत सिंह छाबडा, उम्र 29 साल साकिन आदर्श कॉलोनी दयालबंद थाना कोतवाली की मृत्यु ईलाज के दौरान अपोलो अस्पताल प्रबंधन बिलासपुर एवं संबंधित डॉक्टरों की लापरवाही से होना पाया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर थाना सरकण्डा में अपराध क्रमांक 1342/2023 धारा 304ए भादवि के तहत् अपराध पंजीबद्ध किया गया है।देखा जा रहा है कि अपोलो अस्पताल में लोग लाखों रुपये खर्च करके विश्वास लेकर अपने परिजनों को बैगर खर्च के परवाह किये ले जाते है इनमे कुछ ऐसे भी लोग होते है जो अपनी जीवन भर की जमा पूंजी,घर मकान बेच कर परिजनों के स्वास्थ्य लाभ की कामना सँजोकर इलाज कराते हैं पर इस तरह से लापरवाही और मौत अपोलो अस्पताल के लिए बड़ा प्रश्न है।

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