कार्यालय प्राचार्य, सी.एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.)

बिलासपुर- अंचल के प्रतिष्ठित सी.एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर में थैलेसीमिया सिकल सेल जन जागरूकता अभियान एन.सी.सी. 7-सी.जी. बटालियन के द्वारा कराया गया इस कार्यक्रम सम्मानीय डॉ. संजय दुबे, अध्यक्ष शासी निकाय के मुख्य आतिथ्य एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ. संजय सिंह के अध्यक्षता में आज थैलेसीमिया मायनर जांच कराया गया जिसमें महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। पं. संजय दुबे ने कहा कि यह एक अनुवांशिक बीमारी है, अवश्यकता है इसे समझने की, डरने की नही हमारी थोड़ी सी सावधानी नौनिहाजलों को इस स्थिति में जाने बचा सकती है। उपरोक्त कार्यक्रम में थैलेसीमिया मेजर में बताया गया कि हर साल 10 हजार बच्चे थैलेसीमिया मेजर में जन्म लेते है, जब दो थैलेसीमिया मायनर के पुरूष-स्त्री आपस में विवाह करते है तो उनकी होने वाी संतान घातक थैलेसीमिया मेजर से पीड़ित हो सकती है, जो जान लेवा है और थैलेसीमिया परंपरागत, पीढ़ी में गुणसूत्रों द्वारा आगे जाती है, रक्त में हीमोग्लाबिन की मात्रा कम होने के कारण इन बच्चे को बार-बार रक्तदान लेना पड़ता है।
प्रभारी प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने उपरोक्त कार्यक्रम में कहा कि सिकल सेल से क्या आप अपने शिशु को मौत की ओर बढ़ता देख सकंेंगे, आइये इस बीमारी को रोके, अपनी रक्त जांच करवायें। 7-सी.जी. बटालियन के कमान अधिकारी श्रीमान अमिताभ श्रीवास्तव जी ने शुभकामनाएं प्रेषित की। एन.सी.सी. अधिकारी रोहित लहरे ने इस कार्यक्रम मैं जागरूकता, व्याख्यान, रैली, बैनर ,पोस्टर का वितरण किया और सफल बनाया, उपरोक्त कार्यक्रम में 50 छात्र-छात्रायें, एन.सी.सी. कैडेट सूरज कश्यप,टिकेश्वर गुप्ता, कोमल जांगडे, जयपाल लहरे, विक्रम ,प्रवीण ,मनीषा, देव प्रसाद राजवाड़े, गौरव बिसेन की उपस्थिति रही। प्रभारी प्राचार्य, सी.एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.)

