राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ अपने विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर…मांग पूरी नहीं होने पर बड़ा आंदोलन
*पटवारियों की वर्षो की मांगे आज पर्यंत लंबित*

Bilaspur/ राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ अपने विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं
ज्ञात हो पटवारियों द्वारा दिसंबर 2020 में हड़ताल किया गया था, उसके बाद मई 2023 में हड़ताल किया गया था, जो मांगे 2020 में थी वही मांगे 2023 में भी रखी गई थी। आश्वासन के अलावा अब तक पटवारियों को कुछ नहीं मिला। स्टेशनरी भत्ता, संसाधन भत्ता का सरकार द्वारा घोषणा भी किया गया किंतु वह मात्र घोषणा ही रह गया, आज पर्यंत 500 रुपये संसाधन भत्ता भी नहीं दिया जा सका। कंप्यूटर इंटरनेट प्रिंटर आदि की मांग 2015 से जब से अभिलेख ऑनलाइन किया गया है तब से किया जा रहा है किंतु आज पर्यंत संसाधन नही दिया जा सका। प्रदेश में पटवारियों का मुख्यालय निर्धारित है लेकिन मुख्यालय में आवश्यक सुविधा जैसे कार्यालय टेबल कुर्सी अलमीरा आदि नही दिया जा सका। मुख्यालय में सुविधाओं का अभाव साथ ही पटवारियों के परिवार के लिए अच्छी पढ़ाई आदि व्यवस्था की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पटवारियों द्वारा मुख्यालय निवास की बाध्यता खत्म करने की मांग किया गया था, क्योकि यह नियम तब बनाया गया था जब सड़को का आवागमन का पर्याप्त व्यवस्था नही थी, आज पर्याप्त व्यवस्था हो चुकी हैं, मिनटों में मुख्यालय में उपस्थित हो सकते हैं, फिर भी इस मांग को खारिज कर दिया गया था। बिना विभागीय जांच के एफ आई आर दर्ज न किया जाए इस मांग में एक विभागीय पत्र जरूर जारी हुआ था किंतु आज भी सिर्फ शिकायत के आधार पर ही बिना विभागीय जांच के एफ आई आर दर्ज किया जा रहा है। राजस्व निरीक्षक पद पर सीधी भर्ती बन्द करते हुए वरिष्ठता के आधार पर 50 प्रतिशत औऱ विभागीय परीक्षा के आधार पर 50 प्रतिशत पदोन्नति की मांग किया गया था किंतु आज तक मांगो को दरकिनार करते हुए वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति नही दिया जा सका।
ये सभी मांगे वर्षो की पुरानी मांगे हैं।इसके साथ ही नित प्रतिदिन भुइयां सॉफ्टवेयर में हो रहे तकनीकी समस्यायों और बदलाव से पटवारी परेशान हैं। सॉफ्टवेयर में कभी नाम गायब अथवा दूसरे का नाम आ जाना, कभी रकबा बदल जाना ,बैंकिंग कार्य या अन्य कारणों से डिजिटल सिग्नेचर हट जाना, पिता के जगह पति हो जाना इस प्रकार की बहुत सारी समस्याएं हैं जिसे समय समय पर अवगत कराया जाता रहा है लेकिन आज तक इसमे सुधार नहीं किया गया। इन त्रुटियों के कारण किसानों अथवा भूमिस्वामियो का कोप का भाजन पटवारी हो रहे हैं, अनावश्यक शिकायत बढ़ रही है।अधिकारी भी इन समस्याओं को समझने की बजाय सीधे पटवारियों को दोषी मानते हुए कार्यवाही कर रहे हैं। नाम ,पिता का नाम, जाति, लिंग आदि में यदि लिपकीय त्रुटि भी हो जाती है तो भी उसे सुधार नहीं सक रहे हैं ।इसके लिए भी अनुविभागीय कार्यालय मे आवेदन लगवाया जा रहा है जिससे पटवारी तो परेशान है ही क्योकि प्रतिवेदन उन्हें ही देना है, साथ ही साथ आवेदन कर्ता भी परेशान हो रहे हैं।
इन समस्याओं और मांगो को देखते हुए राजस्व पटवारी संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की है। इन मांगों को गंभीरता से लिया जाए ताकि कार्य आसानी और सुचारू ढंग से किया जा सके।
