स्वास्थ्य विभाग में भर्ती घोटाला! पढ़े-लिखे बेरोजगारों को किया अपात्र, अधूरी दस्तावेज वालों को बनाया पात्र….

सुकमा। साय सरकार की ज़ीरो भ्रष्टाचार टारलेन्स नीति को उनके ही अधिकारी मटियामेट करने में लगे है , स्वास्थ्य विभाग की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा घोटाला सामने आया है। CMHO आर के कुशवाहा द्वारा बड़ी घोटाला करते हुए उम्मीदवारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप हैं इसमें दावा-आपत्ति निराकरण की सूची में कई ऐसे योग्य व पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को अपात्र घोषित कर दिया गया है, जिन्होंने सभी ज़रूरी दस्तावेज़ जमा किए थे।
हैरानी की बात यह है कि कई अभ्यर्थियों को सिर्फ इसलिए अपात्र कर दिया गया क्योंकि उनके दस्तावेज वाले लिफाफे पर पद नाम नहीं लिखा था।
पात्र फिर भी अपात्र!
रोजगार पंजीयन, जाति, निवास व अन्य प्रमाण पत्र जमा नहीं करने के बावजूद “दस्तावेज़ संलग्न नहीं” या “नाम अंकित नहीं” उन युवाओं को अपात्र से पात्र कर दिया गया। वहीं सभी दस्तावेजों के होने के बावजूद केवल लिफाफे में पद नाम ना होने के कारण देते हुए अपात्र किया गया हैं।
वहीं कई अपात्र उम्मीदवारों को नियमों को ताक पर रखकर पात्र घोषित किया गया
युवाओं का आरोप
बेरोजगार युवाओं ने आरोप लगाया कि यह साफ़-साफ़ धांधली है। युवाओं का आरोप हैं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया उनका कहना हैं कि “हमने सभी दस्तावेज़ जमा किए, फिर भी हमें अपात्र घोषित कर दिया गया। सिर्फ लिफाफे में पद नाम न लिखने का बहाना बनाकर हमारी मेहनत और भविष्य दोनों छीन लिया गया है।”
पारदर्शिता पर सवाल
इस मामले ने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। युवाओं का कहना है कि अधिकारियों की मनमानी से योग्य उम्मीदवारों का हक मारा जा रहा है और पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता संदिग्ध हो गई है।
युवाओं का कहना है जिनको सिर्फ लिफाफे में नाम या पद नाम न लिख पाने के कारण अपात्र किया गया, उनको पात्र किया जाए क्यों कि उन्होंने अपने सभी दस्तावेज पूर्ण रूप से जमा किया है।
दोहरा व्यवहार क्यों?
युवाओं ने इस पर प्रश्न चिन्ह लगाया है कि जब दस्तावेज जमा नहीं किया गया तो उनको पात्र कैसे किया गया और केवल लिफाफे में पद नाम नहीं होने से अपात्र क्यों किया गया यह तो युवाओं के भविष्य से ख़ेलवाड़ के साथ दोहरा व्यवहार भी है इसकी जानकारी और कार्यवाही की मांग की जा रही हैं।
