छठ महापर्व पर भक्तों का उत्साह, छठघाट अरपा मे जुटी भीड़ छठी माई के गूंजे गीत.. सूर्य को पहला अर्घ्य

बिलासपुर /छठ मइया के गीत गुनगुनाते… नंगे पैर… सिर पर पूजन सामग्रियों से सजी डलिया, सूपा लिए हर कदम तालाबों और नदी घाट की ओर बढ़ता रहा। लोक आस्था का महापर्व छठ पर गुरुवार को अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए अरपा छठघाट में व्रती जुटे। कच्चे दूध व जल से सूर्य देव पहला अर्घ्य देने के साथ ही परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। बैंडबाजे, आतिशबाजी से घाटों में उत्सव का माहौल रहा। व्रतियों के साथ ही हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु छठ महापूजा के साक्षी बने।

देश का एक मात्र स्थायी छठ घाट अरपा नदी में चार दिवसीय छठ पूजा के तीसरे दिन उमड़ी भीड़ का उत्साह देखते ही बन रहा था। सुबह से छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई। छठी माई की पारंपरिक लोकगीतों की गूंज के बीच मौसमी फल और अन्य पूजन सामग्री को बांस की बड़ी टोकरियों में जिसे डाला कहा जाता है में लेकर दोपहर में ही व्रती और श्रद्धालु घाटों पर पहुंचने लगे थे। गन्ने का मंडप सजाकर घाट किनारे बांस से बने सूपा में नारियल, मौसमी फल तथा अन्य पूजन सामग्री लिए पानी में खड़े होकर व्रतियों ने प्रकृति की ऊर्जा के स्रोत सूर्य की उपासना की। जैसे-जैसे सूर्य नारायण विदा होते गए वैसे ही छठ व्रती हाथों में दूध व जल से भरे मंगल कलश और विभिन्न प्रकार के फल-पकवान, दीप-धूप के लिए सूर्यनारायण को अर्घ्य दिया। व्रतियों की पूजा में परिवार के सदस्यों व पूजा समिति के सदस्यों ने सहयोग किया।
36 घंटे का कठिन व लंबा उपवास शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देन के साथ ही पूर्ण हो जाएगा। 8 नवंबर को भोर में 6.14 बजे अर्घ्य दिया जाएगा। तड़के 4 बजे से घाट पर व्रतियों का आना शुरू हो जाएगा। उषा अर्घ्य के बाद व्रती अदरक व गुड़ का सेवन कर व्रत का पारण करेंगे। छठघाट में अर्घ्य देने के साथ ही पूजा-अर्चना के पश्चात व्रती अपने घर-परिवार के बड़ों का चरण छूकर आशीर्वाद लेंगे।
छठ पूजा के दौरान गुरुवार को छठ घाट पर कलेक्टर अवनीश शरण, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, निगम आयुक्त अमित कुमार सहित प्रशासन अधिकारी समेत समिति के प्रमुख वीएन झा, प्रवीण झा, धर्मेंद्र दास, रोशन सिंह, अभय नारायण राय मौजूद रहे।

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