अभिषेक नगर कॉलोनी में अवैध समिति मेंटेनेंस के नाम पर रहवासियों से कर रही जबरन वसूली…संबंधित समिति का कोई सरकारी पंजीकरण नहीं

बिलासपुर / शहर में नियम को दरकिनार करते हुए दर्जनों कालोनी बना लिए गये हैं इन कालोनियों में जरूरी मूलभूत सुविधाओं के लिये रहवासियों को तरसना पड़ रहा है इतना ही नही कई कालोनी ऐसे भी हैं जिन्हें कालोनाइजरों ने किसी समिति या अन्य को बेच या सुपुर्द कर दिया है इन्ही में से एक अभिषेक नगर कॉलोनी है इन कॉलोनी में रहने वाले रहवासियों ने शिकायत किया है कि अभिषेक नगर फेस-1 कॉलोनी में गर्मी शुरुआत होने से पहले ही पानी की किल्लत बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कॉलोनी विकसित करने वाली मेसर्स-अभिषेक कंस्ट्रक्शन ने पहले मेंटेनेंस के नाम पर पैसा वसूला। अब बिना पूरी कॉलोनी विकसित किए इसे एक अवैध समिति को सौंप दिया है। रहवासी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर अवैध वसूली जारी है।
रहवासियों के मुताचिक, बिल्डर जितेंद्र साहू ने कॉलोनी का निर्माण पूरा किए बिना इसे एक तथाकथित समिति को सौंप दिया। इस समिति का कोई सरकारी पंजीकरण नहीं हुआ। बीते तीन महीनों से आय-व्यय का कोई हिसाब भी नहीं दिया गया। इसके बावजूद समिति के लोग जबरन मेंटेनेंस चार्ज वसूल रहे हैं। कॉलोनी के कथित अध्यक्ष पर आरोप है कि वह किरायेदारों को घर देने से पहले अनुमति लेने की शर्त रख रहा है। यह पूरी तरह अवैध है। दो या तीन मंजिला मकानों के मालिकों से जबरन 800 रुपये वसूले जा रहे हैं
रसीद तक नहीं दी जा रही, पानी की समस्या गंभीर
रहवासियों का कहना है कि समिति अध्यक्ष बताकर विकास शमां मेंटेनेंस के नाम पर पैसा वसूल रहा है। न तो कोई पंजीयन नंबर के साथ स्मीद दी जा रही. न ही मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा। पानी की समस्या गंभीर बनी हुई है। समिति के लोग सिर्फ टुल्लू पंप लगाने की सलाह दे रहे हैं, जबकि उनकी जिम्मेदारी पूरे कॉलोनी में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
नियमों की अनदेखी, कार्रवाई की मांग
छत्तीसगढ़ रेरा के नियमों के अनुसार, कॉलोनी का निर्माण पूरा होने के बाद ही उसे पंजीकृत सोसाइटी को सौंपना अनिवार्य है। हर आवंटित व्यक्ति को तप मेंटेनेंस चार्ज का भुगतान करना होता है। अन्यथा उसे व्याज सहित बकाया चुकाना पड़ता है। लेकिन यहां बिना निर्माण कार्य पूरा किए ही कॉलोनी को अवैध समिति को सौंप दिया गया। रहवासियों ने प्रशासन से इस अवैध समिति और बिल्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
