बिलासपुर में EWS कांड : भाजपा उत्तर मंडल के पूर्व पदाधिकारी व प्रतिष्ठित व्यापारी की भतीजी का नाम, NEET प्रवेश रद्द होने की आशंका…तहसील में दलालों का एक और कारनामा
फर्जी EWS सर्टिफिकेट से मेडिकल कॉलेज में एक नहीं तीन-तीन पूजा खेड़कर !
बिलासपुर।मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) में ईडब्ल्यूएस (EWS) प्रमाण पत्र के सहारे दाखिला लेने का बड़ा घोटाला बिलासपुर में उजागर हुआ है। इस प्रकरण में भाजपा उत्तर मंडल के पूर्व पदाधिकारी और सरकंडा क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यापारी की भतीजी का नाम सामने आने से राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया है। तहसील कार्यालय की जांच में तीन छात्राओं के ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र यहां से जारी होना नहीं पाया गया हैं। अब इनका दाखिला निरस्त होने और कानूनी कार्रवाई की पूरी संभावना बन गई है। जांच में खुलासा प्रशासन की पुष्टि राजनीतिक हलचल
बिलासपुर।मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) में ईडब्ल्यूएस (EWS) प्रमाण पत्र के सहारे दाखिला लेने का बड़ा घोटाला बिलासपुर में उजागर हुआ है। इस प्रकरण में भाजपा उत्तर मंडल के पूर्व पदाधिकारी और सरकंडा क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यापारी की भतीजी का नाम सामने आने से राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया है। तहसील कार्यालय की जांच में तीन छात्राओं के ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र यहां से जारी होना नहीं पाया गया हैं। अब इनका दाखिला निरस्त होने और कानूनी कार्रवाई की पूरी संभावना बन गई है।
जांच में खुलासा
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त कार्यालय ने जब प्रवेश हेतु जमा दस्तावेज़ों का सत्यापन बिलासपुर तहसील से कराया, तो सामने आया कि तीनों छात्राओं के नाम पर कभी भी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ। मौके पर सत्यापन करने गई टीम को दी गई जानकारी भी असत्य पाई गई।
शामिल छात्राओं के नाम –
श्रेयांशी गुप्ता, पिता सुनील गुप्ता, निवासी सरकंडा-सीपत रोड
भाल्या मिश्रा, पिता सूरज कुमार मिश्रा, निवासी पटवारी गली, सरकंडा
सुहानी सिंह, पिता सुधीर कुमार सिंह, निवासी सीपत रोड, लिंगियाडोह
प्रशासन की पुष्टि
एसडीएम मनीष साहू ने साफ किया है कि बिलासपुर तहसील कार्यालय से इन नामों पर कोई ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ।
राजनीतिक हलचल
भाजपा पदाधिकारी की भतीजी का नाम आने से विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस और अन्य दल भाजपा पर रसूख के सहारे भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए इस मामले को बड़ा राजनीतिक हथियार बनाने की तैयारी में हैं।
गिरोह की आशंका
सूत्रों का कहना है कि यह किसी बड़े संगठित गिरोह का काम हो सकता है, जो मेडिकल जैसे प्रतिष्ठित कोर्स में दाखिला दिलाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कराता है। सख्त जांच हुई तो कई और नाम सामने आ सकते हैं।
मामला कहाँ का? बिलासपुर, छत्तीसगढ़
कितने छात्र-छात्राओं के नाम सामने आए? 3
क्या फर्जीवाड़ा? ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाकर NEET प्रवेश
किसने पुष्टि की? एसडीएम मनीष साहू
राजनीतिक कनेक्शन? भाजपा उत्तर मंडल के पूर्व पदाधिकारी की भतीजी शामिल
पहला मामला? हाँ, जिले का पहला बड़ा फर्जीवाड़ा मामला
संभावित कानूनी कार्रवाई
दाखिला निरस्त करने की प्रक्रिया
फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने पर आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है
संबंधित परिजन और दलालों पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज होने की संभावना
प्रशासनिक स्तर पर तहसील कार्यालय और शिक्षा विभाग ने संयुक्त जांच टीम बनाने का संकेत दिया है
विशेषज्ञ की राय
बिलासपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता आरके शर्मा का कहना है –“शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग करना गंभीर आपराधिक कृत्य है। इसमें न केवल धोखाधड़ी (Cheating) और फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने (Forgery) की धाराएं लगेंगी, बल्कि सरकारी दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करने के कारण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लागू हो सकते हैं। अगर प्रशासन सख्ती दिखाता है, तो यह मामला पूरे प्रदेश में मिसाल बन सकता है।”
देखा जा रहा है कि फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के सहारे शासकीय योजनाओं का लाभ लिया गया है इसमें महत्वपूर्ण यह भी है कि ये दस्तावेज किनके द्वारा बनाया गया है इसमें जिन्होंने बनवाया है उतना ही गुनहगार वह है जिन्होंने मोटी रकम लेकर इन दस्तावेजों को बनाया है अगर सही रूप से इन सभी पहलुओं पर सख्ती से जाँच किया जाता हैं तो तहसील में दलालों के द्वारा बनाये और भी फर्जी दस्तावेजों का खुलासा हो सकता है।
