बिलासपुर-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का पोषण भी, पढ़ाई भी प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न …प्रशिक्षण के बाद पुनः शासन के महत्वपूर्ण कार्य को संचालित करने में लगे कार्यकर्ता ….अशिक्षित और ग़ैरजानकारी से गलत खबरों का प्रसारण …बना अट्टहास का विषय
बिलासपुर / पत्रकारिता साक्ष्य और निष्कर्षों पर आधारित है इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सूचित रखना, जनमत को आकार देना और लोकतांत्रिक भागीदारी को सक्षम बनाना है। इसमें सटीकता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा जैसे नैतिक मानकों का पालन किया जाता है ,पर कुछ लोगों ने इसे बदनाम किया हुआ है या फिर अशिक्षित होने की वजह से कुछ भी लिखाने पढ़ाने लगे हैं ।
पिछले दिनों महिला बाल विकास विभाग के विरुद्ध एक खबर चल चलाया गया जिस पर महिलाओं के खिलाफ अपमान जनक शब्दों का उपयोग किया गया ये सब अशिक्षित और खबरों में शब्दों के उपयोग नही जानने वालो के द्वारा किया गया ,रही बात आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति की तो दो दिनों विभाग के द्वारा तिलकनगर आत्मानंद स्कूल में पोषण भी पढ़ाई भी समेत अन्य जरूरी विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था महिला एवं बाल विकास विभाग, शहरी परियोजना बिलासपुर द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के क्षमता निर्माण के उद्देश्य से तीन दिवसीय ’पोषण भी, पढ़ाई भी’कार्यक्रम का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को नई शिक्षा नीति-2020 के अनुसार ईसीसीई (अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन) के प्रशिक्षण से जोड़ना रहा,प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के शारीरिक, मानसिक, संज्ञानात्मक, संवेगात्मक एवं सामाजिक विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नवीनतम शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विकसित पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दिया गया।जिसमें कि 0 से 3 वर्ष के बच्चों के लिए ’प्रारंभिक प्रोत्साहन’ नवचेतना पाठ्यक्रम लागू किया गया है। 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए ’अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन’ के तहत ’आधारशिला पाठ्यक्रम’ को अपनाना बताया गया । इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के संज्ञानात्मक, भाषा, संवेगात्मक, रचनात्मक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
वही दो दिन सहायिकाओं को केवल केंद्र को बच्चों को खिलाने पिलाने की जिम्मेदारी दी गई थी जो उनकी ही कार्य है ,यह प्रशिक्षण सुबह 9:30 से शाम 5बजे तक निरंतर रखा गया था कार्यक्रम में सुपरवाइजरो के अलावा विभागीय अधिकारियों की भी उपस्थिति रही ,वही इन दो दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद पुनः आज से सभी कार्यकर्ता अपने अपने केंद्रों में शासन के महत्वपूर्ण कार्य को करने सक्रिय हो गये है ।लेकिन इस तरह के खबरों के चलते अधिकारियों को यह समझ मे आ गया है कि खबरों को प्रकाशित करने वाले कितने गुणवान, सभ्य और अशिक्षित होंगे ,इन खबरों को पढ़कर विभागीय अधिकारी केवल और केवल अट्हास लगा रहे है ।
देखा जाता है कि पत्रकारिता एक पेशे के रूप में सामाजिक उत्तरदायित्व से जुड़ी है, जिसमें सटीकता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा जैसे उच्च नैतिक मानकों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है। पर कुछ वर्षों से पत्रकारिता के स्वरूप को ही बदल दिया गया है ।

