पेण्ड्रा/गौरेला/मरवाही-राजनीतिक समीकरण के चलते कुछ बड़े जिलों को छोटा करके नये जिले लोगों को सुविधा देने के उद्देश्य से बना तो दिया गया है किंतु इन नये जिलों में बैठे बहुत से अधिकारी पूरी तरह से निरकुंश हो गये है

,खासतौर पर राजस्व अधिकारी जितनी भी मनमानी करे कम है इन अधिकारियों को लोगों के दुःख, दर्द, परेशानी,उम्र, गरीब औऱ किसी भी समस्या से क़ोई भी मतलब नहीं है इन्हें अपने निजी लाभ ने इतना अंधा कर दिया है कि इन महोदयों को दिन तारीख तक का होश नही है । यह केवल बोल नही सौ आने सत्य है इसका जीता जागता उदाहरण
80 वर्षीय बुजुर्ग हीरासिंह पिता त्रिभुवन सिंह जाति कंवर है।इन्हें राजस्व अधिकारी के साथ मिलीभगत करके किसी अन्य ने यह पीड़ा नही दिया है यह पीड़ा इन्हें इन्ही के छोटे भाईयों ने जिन्हें इन्होंने कभी अपने औलाद से कम नही समझा वे आज इनके बुजुर्ग होंने पर दे रहे है अब अपनो से धोखा खाकर अपने हक के लिए दर दर का ठोकर खाने को मजबूर बने हुए हैं मामला ग्राम बेलपत पो. जोगीसार तहसील पेण्ड्रारोड जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही छ०म० का है इसमें 80 वर्षीय बुजुर्ग हीरासिंह पिता त्रिभुवन सिंह जाति कंवर ने कलेक्टर पेण्ड्रा को अपनी पीड़ा स्वयं उपस्थित होकर बताया  कि मेरी संयुक्त खाते की कृषि भूमि खसरा नं क्रमश: 5/1 55/3, 60.67/2, 69/1, 76/5, 177/2, 181/3, 193, 194, 265/3.0.526, 0.162, 0.563, 1.923, 0.210, 0.1500061, 0.486 0.105 0.109, 0.049 1.003 हे कुल खसरा नं. 12 कुल रकबा 6347 है. भूमि संयुक्त खाता हीरासिंह पैकरा, शिवरतन, लिखन तीनों पिता श्री त्रिभुवन सिंह के नाम पर वर्तमान राजस्व अभिलेख में दर्ज है। यह कि मेरी संयुक्त खाते की कृषि भूमि का 5/1 से लेकर 265/3 उपर वर्णित भूमि का सह खातेदार लिखन सिंह पैकरा पिता श्री त्रिभुवन सिंह जाति कंवर ग्राम बेलपत पो. जोगीसार तहसील पेण्ड्रारोड जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही छ०ग० द्वारा श्री मान न्यायालय नायब तहसीलदार महोदय पेण्ड्रारोड में धारा 178 छ,म.रा. संहिता के तहत 03.11.2022 को फर्द बटवारा हेतु अपील प्रस्तुत है।

यह कि इसके अतिरिक्त पैतृक दखल रहित क्रय भूमि ख.नं. 22 रकबा 0.328 एवं क्रय भूमि दखल रहित 211 /2 रकबा 0567 है एवं पैतृक क्रय भूमि खसरा नं. 43 रकबा 0.340, 269/3 रकबा 0.328 है,  यह कि यह भूमि आपसी बटवारा प्राप्त भूमि है जिसका आपसी सद्भाव से बटवारा हो चुका है जिसमें श्री लिखन सिंह द्वारा उक्त भूमि को फर्द बटयास में सम्मिलित नहीं किया गया है।

यह कि इसके अतिरिक्त कुल पूर्वजों के निरंतर कब्जा की भूमि 268 / 7 रकबा 1416 खसरा नं. 15000 रकबा 1,983 हे एवं 208/11 रकबा 0.808 एवं झेरा डबरा वाला भूमि रकबा 0:405 है है। यह कि उक्त भूमि  आपसी सहमति से प्राप्त है एवं ग्रामीणों के समक्ष बटवारा प्राप्त भूमि है। यह कि उक्त भूमि को फर्द बटवारा में षड्यंत्र पूर्वक लिखनसिंह द्वारा नहीं दर्शाया गया है।

यह कि 263/7 रकबा 1.416 एवं खसरा नं. 15000 रकवा यह निरंतर पूर्वजों की कब्जे की शासकीय भूमि है जिसकी आपसी बटवारा पश्चात शिवरतन सिंह अपने स्वयं के नाम पर अवैध पन अधिकार पट्टा बनवा लिया गया है।

यह कि 266/11 रकबा 0.809 भूमि निरंतर पूर्वजों कब्जे की शासकीय भूमि है जिसको आपसी बटवारा पश्चात षडयंत्र पूर्वक लिखन सिंह द्वारा अपनी पत्नी सुमित्रा पैकरा के नाम पर अवैध वन अधिकार पट्टा बनवाया गया है।

वही बुजुर्ग हीरासिंह ने कलेक्टर महोदय से यह भी जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में फ़र्द बटवारा आज भी संबधित तहसीलदार के कोर्ट में लंबित है इसमें इन्होंने सीधा आरोप लगाते हुये तथ्यात्मक जानकारी देते हुए कहा कि लिखन सिह आज की स्थिति में सरपंच पति है और काफी कम समय मे आर्थिक रूप से बहुत मजबूत हो गया है इन्होंने कम समय मे काफी चल/अचल संपति  अर्जित कर लिया है जिसका लाभ उसे मिल भी रहा है इन्होंने बताया कि आज दिनांक तक इन्ही मामले की कापी और प्रकरण क्रमांक तक नही बताया गया है यही नही इन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि इन्हें लिखन सिंह के इशारे पर परेशान करने अवकाश के दिन पेशी में उपस्थित होने कहा गया ।इन्होने बताया कि आज से पूर्व मुझे जिस प्रकरण दस्तावेज दिखाया गया था उसमें भी कूटरचना करते हुए पटवारी रिकार्ड बदल दिया गया ।वही 6जनवरी 2023 को छुट्टी के दिन पेशी देकर 9 जनवरी को गुपचुप तरीके से सरपंच पति लिखन सिंह के पक्ष में लाभ पहुंचाने की कोशिश किया जा रहा था पर अचानक मेरी उपस्थिति से इनको अनुचित लाभ नही मिल पाया ।इसमे स्वयं उपस्थित होकर हीरासिंह ने
उक्त फर्द बटवारा में सभी उक्त भूमियों को सम्मिलित कर अवैध वन अधिकार पट्टा को निरस्त करते हुए संयुक्त रूप से हीरा सिंह, शिवरतन सिंह, लिखनसिंह के नाम पर वैधानिक वन अधिकार पट्टा जारी करवाने अर्जी दिया ,और अब कलेक्टर से मिलने के बाद बुजुर्ग हीरा सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि अब मुझे जल्द न्याय मिल सकेगा। वही न्याय प्रिय कलेक्टर ने बुजुर्ग हीरा सिंह को उचित न्याय दिलाने बाबत पूरा मामले को संज्ञान में लेते जांच कराने की बात कही है साथ ही संबंधित तहसीलदार को जाँच करने की निर्देश दिये है ।

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