बिलासपुर/जब किसी सज्जन या प्रतिष्ठित परिवार के व्यक्ति से धोखे से भी कोई छोटा सा अपराध घट जाए तो वह लोगों को सामने आने तक से संकोच करता है वही दूसरी ओर कुछ ऐसे भी होते है जो बड़ा सा बड़ा अपराध करने के बाद भी बड़े ठाठ से अपने आप को सज्जन बताते लोगों के बीच जबरदस्ती या बेशर्मी लिये बैठने की कोशिश करते है चुकी ऐसे लोगों क्या कहेंगें जिनकी मन का पानी ही मर गया हो और कई दफा दुत्कार/धिक्कार के बावजूद जानकर लोगों से चिपकने की कोशिश ,अब थोड़ा बहुत पढ़ा लिखा हो तो इज्जत या बेइज्जत को समझ सकता है और जिसे अपने अलावा दूसरे का नाम भी नही लिखने आता हो तो । यह सभी गुण लिए यह अपनी पत्नी के हत्या का जेल से छुटा आरोपी गांव देहात या शहर ही में अनजान लोगों को पत्रकार बताकर ठगने और जुड़ने की कोशिश करने लगा है, इतना ही नही ये प्रतिष्ठित जगहोँ में जाकर उन जगहों को भी बदनाम कर रहा है इसकी शान सौकत देखकर लोग जानते बुझते भी अपनी सज्जनता के चलते बातचीत का जवाब दे दे रहे है पर इसकी असलियत सभी को पता चल गया है और लोग इससे दूरी भी बना रहे,वही कौन इज्जतदार व्यक्ति चाहेगा कि एक ऐसे आरोपी जो अभी हाल ही में जेल से छुटा हो उसके साथ घूमने या बातचीत करने।इसकी अब मजबूरी भी हैं कि पुनः शहर में लोगों के बीच जगह बनाने का क्योंकि समाज और गांव में यहाँ तक आसपास के परिवार इसकी या इसके परिवार को दरवाजे के भीतर तक आने नही दिया जा रहा है ऐसे में एक मात्र चारा शहर रह गया है ,और शहर में भी एक मात्र सामाजिक दलाल नुमा तथा कथित नेता जो जिंदगी भर अपने स्वंय के बलबूते कभी नेतागिरी में एक कौड़ी इज्जत कमाने में सफल नही रहा अब परिवार के सदस्य के सहारे अपनी रोटी सेंक रहा है के सहारे एक बड़े प्रतिष्ठित मीडिया का कर्मी बताकर उस संस्था को भी बदनाम करने की कोशिश कर रहा है ।जबकि इसके जेल से छूटने के बाद इसे कही भी नही रखा गया है अभी यह केवल किसी भी मीडिया का नाम लेकर लोगों को गुमराह करने में लगा है,

वही इसकी पुरानी कार्य की बात करे तो यह अपनी जिंदगी का आधा साल सिलेंडर चोरी से रिफलिंग करते गुजारा है इतना ही नहीं इसकी चोरी की एक फाइल खादय विभाग से प्राप्त किया जा सकता है जहाँ छापा के दौरान दर्जनों सिलेंडर और रिफलिंग मशीन जब्त किया गया था, ।इसके अलावा इसके परिवार पर पुर्व में भी अपनी सबसे छोटी बहू को जलाने का आरोप लगाया जा चुका है इस प्रकरण में भी पूरा परिवार को जेल में कई महीनों जेल में बिताना पड़ा था ,वही इन दोनों आरोपी से घिरने के बाद पूरा परिवार सालो समाज और परिवार रिश्तदारों से विमुखता का दंश झेल रहे थे,इधर परिवार और खुद के गैस चोरी के अपराध बोध समेत बदनामी की वजह से सीपत में अपनी दुकान बंद करना पड़ा,इधर बेकार भूखे मरने की स्थिति में एक प्रतिष्ठित अखबार को धोखा देकर फ़ोटो खिंच कर देने लगा ताकि शहर में होने वाले आयोजनो में जाने का रास्ता मिल सके ताकि किसी तरह इन आयोजनों में मिलने वाले खानेपीने की व्यवस्था मुफ्त में जुगाड़ हो जाये ।
