बिलासपुर/जीपीएम-भारत वर्ष में बड़े भाई को पिता तुल्य माना जाता है। हमारे धार्मिक ग्रंथ रामायण में भी बड़े भाई श्री राम के वनवास में छोटे भाई लछमण ने भी भाई के वनवास पर राजपाट त्याग दिया।किंतु कलयुग में कुछ ऐसे छोटे भाई हुये है जो अपनी राजनीतिक और बाहुबल एवं धन दौलत के दम पर अपने असहाय ,बुजुर्ग बड़े भाई को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने मजबूर कर रहा है जिसका सीधा उदाहरण बेलपत निवासी 75 वर्षीय हीरा सिंह के साथ किया जा रहा है

यही नही इस असहाय बुजुर्ग के साथ कूटरचना , दाम, दण्ड,भेद उपयोग करके प्रताड़ित किया गया है वही राजनीतिक और रूपयों के दम पर मनचाहा खेल खेला जा रहा है।इस संदर्भ में प्रार्थी हीरा सिंह  पिता त्रिभुवन सिंह ने माननीय कलेक्टर में आवेदन देकर अपनी स्वामित्व की भूमि का भौतिक सत्यापन का निष्पक्ष मांग किया है उन्होंने आवेदन के माध्यम से बताया है कि ग्राम बेलपत पो. जोगीसार का सहखातेदार लिखन सिंह द्वारा खाता विभाजन हेतु 1/3 बराबर भागों में नायब तहसीलदार पेण्ड्रारोड में खसरा नं. क्रमश: 5/1, 55/3, 60, 66, 67/2, 69/1, 76/5, 177/ 2. 181/3, 193, 194, 265/30:5260, 0.1620, 0.6630, 1.9230, 0.2100, 0.1500, 0.610, 0.4860, 0.1050, 0.1090, 0.0490 1.0030 है. कुल खसरा नं. 12 कुल रकबा 5. 3470 हे, भूमि संयुक्त खाता हीरासिंह, शिवरतन सिंह लिखनसिंह तीनों पिता श्री त्रिभुवन सिंह के राजस्व अभिलेखों पर नाम दर्ज है।
1 यह कि उक्त वर्णित भूमि का 30-40 वर्ष पूर्व आपसी सहमति से आपसी बटवारा ग्रामीणों के समक्ष किया जा चुका है।
2 यह कि आपसी बटवारा पश्चात् भूमि स्वामी स्व हक की भूमि पर श्री हीरा सिंह का खसरा नं. 5/1 रकबा 0.5260 है. 55/3 रकबा 0:1620 हे. खसरा नं. 66 रकबा 0.709, 67/ 2 रकबा 0.210 हे.. 265/3 रकबा 1.0030 भूमि कुल खसरा 05 एवं कुल रकबा 2.610 हे. में भूमि स्वामी स्व हक पर आपसी बटवारा के पश्चात् काबिज काश्त है ।
3 यह कि आपसी बटवारा पश्चात् श्री शिवरतनसिंह को खसरा नं. 60 रकबा 0. 15630, 69/1 रकबा 0.1500 हे., 76/5 रकबा 0.0610 हे. खसरा नं. 194 रकबा 0.0490 •हे. कुल खसरा 04 कुल रकबा 0.823 हे. भूमि पर आपसी बटवारा पश्चात् काबिज कार है।
4 यह कि आपसी बटवारा पश्चात् श्री लिखन सिंह को खसरा नं. 66 रकबा 0.4050/ हे खसरा नं. 177/ 2 रकबा 0.4860 हे. खसरा नं. 181/3 रकबा 0.1050 कुल खसरा 103 कुल रकबा 0.996 है. भूमि पर आपसी बटवारा पश्चात् काबिज काश्त है।
यह कि खसरा नं. 193 रकबा 0.0490 हे. पर खातेदारों का अपना अपना घर एवं बाड़ी है।
6 यह कि खसरा नं. 66 रकबा भाग 2.00 एकड़ पर भूमि स्वामी स्व हक पर हीरासिंह काबिज काश्त है।
देखा जा रहा है कि राजस्व मामलों में लेट लतीफी,और कमजोर लोगों को काफी हद तक परेशान होना पड़ता हैं।हीरा सिंह ने आवेदन में बताया है कि मेरी लगभग 5 पेशी होंने के बावजूद प्रकरण की कापी नही प्रदान किया गया था जिस पर अनुविभागीय अधिकारी को बताने पर दिनांक 27-01-2023 को प्रमाणित दस्तावेज दिया गया है जबकि इसके पूर्व हीरा सिंह से लगातार जवाब पेश करने बोला जाता रहा है।वही मिले प्रकरण के प्रमाणित दस्तावेज में काफी चीजे जाँच पड़ताल करने योग्य हैं ।हीरा सिंह ने यह भी बताया है कि आपसी बटवारा 20-25 वर्ष पूर्व ग्रामीण एवं समाज न्याय व्यवस्था के तहत किया जा चुका है लेकिन राजनीतिक और  मद के नशे में चूर लिखनसिह इसे भी मानने से इंकार कर दिया है।वही राजस्व मामलों में लेट लतीफी,और उचित समाधान नही हो पा रहे शिकायत पर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री ने कुछ इसी तरह के मामलों से अवगत होकर राज्य में राजस्व प्रकरणों का निराकरण मुख्यमंत्री की मंशा और राज्य शासन की सर्वोच्य प्राथमिकता में शामिल है। इसे लेकर शासन द्वारा समय-समय पर निरन्तर निर्देश जारी किए जाते रहे है  परंतु अपेक्षा अनुरूप प्रगति न होने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने इसे गम्भीरता से लिया है और राजस्व प्रकरणों की स्वयं समीक्षा करने को कहा है। मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान लगातार प्रदेशभर की विधानसभाओं में पहुंचकर आम जनता से सीधे रू-ब-रू हो रहे हैं और विभिन्न योजनाओं के साथ ही उनके राजस्व संबंधी मामलों के बारे में फिटबेक की भी जानकारी ले रहे हैं। साथ ही मामलों का सत्ता से निराकरण करने के निर्देश भी अधिकारियों को दे रहे हैं।मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों में देरी अथवा शिकायत को लेकर स्पस्ट कहा है कि राजस्व अधिकारियों समेत जिले के कलेक्टर पर भी कार्यवाही किया जायेगा।इसके बाद देखना होगा कि इन मामलों और मामलों के निराकरण करने में मुख्यमंत्री के आदेश का कितना प्रभाव पड़ता है।
   अब आवेदन देकर हीरा सिंह  पिता त्रिभुवन सिंह ने प्रशासन से निवेदन किया है कि मेरी निजी स्वामित्व की भूमि का उचित जांच कर कब्जा अनुसार एवं आपसी बटवारा का उच्च स्तरीय जांच समिति बनवाकर सभी कुल 12 खसरा कुल रकबा 5.3470 हे. भूमि का भौतिक सत्यापन करवाने की उचित कार्यवाही की मांग किया हैं।

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