गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही ज़िला (Gaurella-Pendra-Marwahi district) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक ज़िला है। गौरेला इसका मुख्यालय है। इस ज़िले का गठन बिलासपुर ज़िले का विभाजन कर किया गया और इसका उद्घाटन छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा फरवरी २०२० में आम जनता के सुविधाओं के लिए किया गया ।

यहां जिला तो बना दिया गया पर यहाँ पदस्थापित अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर अंकुश नहीं लगाया जा सका ,खास तौर पर राजस्व और मजिस्ट्रेट कामकाज पर कोई कायदा कानून नही रहा ,बड़े जिम्मेदार अधिकारियों की गैरमौजूदगी में आमजनों का हाल बेहाल हो रहा है।वही थोड़ी बहुत राजनीतिक धौंस वालो का बोल बाला है ।यहां तक की विभागीय गोपनीय दस्तावेजो में मन चाहा छेड़छाड़ कर/करवा दिया जाता है।
बेलपत निवासी हीरा सिंह पैकरा पिता त्रिभुवन सिंह ने अपनी निजी स्वामित्व हक की भूमि को लेकर बेलपत के ही वर्तमान सरपंच पति लिखन सिंह के विरुद्ध फर्द बटवारे का जिसे सरपंच पति ने अपने राजनीतिक और बाहुबल के दम पर षड्यंत्र पूर्वक कूटरचना करवाते हुए ख. न.265/3 रकबा 1.003 हे.भूमि को अवैधानिक रूप से 265/4 रकबा 0.190 हे.भूमि को राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से अपने नाम पर करा लिया गया ।जबकि पूर्व राजस्व दस्तावेजो के अनुसार उपरोक्त भूमि हीरा सिंह पैकरा बेलपत के निजी स्वामित्व हक प्राप्त भूमि है ।इसके साथ ही ख. न. 66 रकबा 1.923 है.भूमि का भी कूटरचित षड्यंत्र के तहत टुकड़ों में विभाजित करा लिया गया ।वही उक्त भूमि पर विभाजन उपरांत सरपंच पति लिखन सिंह 66/5 का अधिभोग कर रहा है ।दूसरी ओर रकबा 1.397हे.भूमि जो कि हीरा सिंह की स्वामित्व हक की है इसे भी सरपंच पति लिखन सिंह ने सरपंच पद की राजनीतिक लाभ लेकर उच्चाधिकारियों से षड्यंत्र पूर्वक 3 टुकड़ों में काट दिया गया ।इन्ही मामलों को संज्ञान में लेकर अब जिले के पुलिस सुपरिटेंडेंट महोदय ने बुजुर्ग हीरा सिंह के आवेदन पर कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित थाने को दिया है जिस पर सरपंच पति लिखन सिंह के विरुद्ध एन.सी.आर के तहत असंज्ञेय अपराध की सूचना रिपोर्ट के संदर्भ में धारा 155 द.प्र.सं.बना दिया गया है और अब लिखन सिंह पर कानूनी कार्यवाही होने से इंकार नहीं किया जा सकता है वही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका में बेलपत के वर्तमान सरपंच सुमित्रा पैकरा पद में रहते हुए शासकीय भूमि अधिग्रहण (पट्टा) वह भी स्वंय के नाम पर बनाये जाने से संबंधित मामले पर पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरपंच पर भी जल्द ही कानूनी गाज गिर सकता है देखा जाता है कि ग्रामीण/पंचायत विकास के मद्देनजर भोली भाली जनता जिस विश्वास के साथ अपना प्रतिनिधित्व के लिए सरपंच बनाती है पर सरपंच पद के लोभ में ये प्रतिनिधि कुछ भी कर गुजरने से नही डरते और यही गैर विश्वास सामाजिक अपराध की प्रवृत्ति को जन्म देता है ।
