छह माह बिताकर लौटे पत्रकार मोहन मदवानी ने साझा किया अमेरिका की यादें …सात समुंदर पार अमेरिका वाकई सुपर पावर

बिलासपुर/शहर के वरिष्ठ पत्रकार प्रेस क्लब सदस्य मोहन मदवानी पिछले दिनों अमेरिका में छह माह रह कर लौटे हैं इन्होंने वहाँ इन छह महीनों में काफी जगहों में घूमे उन्हीं यादों को लेकर उन्होंने बताया कि अमेरिका में इनका पुत्र सुशील मदवानी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है

वही उनके पुत्र के अलावा पुत्रवधू नाती पोते विगत कई सालों से रह रहे है जिनसे मिलने टूरिस्ट वीजा पर 6 माह के लिए टेक्सास प्रांत के शहर मलीसा पहुंचे।वहाँ उन्होंने टेक्सास की राजधानी ऑस्टिन में विधानसभा भवन पहुंचकर आलीशान इमारत एवं सुंदर नक्काशी से मनोरम भवन का भ्रमण किया।
इस दौरान वहां की महिला गाइड ने आत्मीय स्वागत करते गवर्नर हाउस दिखाते विवरण दिया,इन्होंने बताया वहां जनप्रतिनिधि राजनीति के भरोसे नहीं रहते हमेशा अपना स्थाई जॉब करते हैं

।इन्होंने बताया कि राधा माधव धाम, जिसे मूल रूप से बरसाना धाम कहा जाता है जगद्गुरु कृपालु परिषत का मुख्य अमेरिकी केंद्र है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो ऑस्टिन, टेक्सास के दक्षिण में हेज़ काउंटी में 200 एकड़ से अधिक भूमि पर स्थित है वहाँ जाने पर लगा जैसे मथुरा वृंदावन आ गए हैं । वही न्यू मेक्सिको में बर्फबारी के आनंद के साथ स्केटिंग रोपवे ट्रालियों के चलते ऊंची पहाड़ियां बर्फ से ढकी एवं छिनार जैसे पेड़ सफेद रेत के ऊंचे टीले तथा गहरी खाइयो के सफर अमेरिका के टूरिज्म को बढ़ावा दिया है

इन्होंने अमेरिका की हाईवे के संदर्भ में बताया कि बिना गड्ढे के बिना मवेशी बिना किसी बाधा के 12से 14 लाइन में कारो के रफ्तार में 100 की रफ्तार से दौड़ते रेले तथा अनगिनत फ्लाई ओवर यातायात की सुगम व्यवस्था देखकर आश्चर्य हुआ।
संचार और बिजली व्यवस्था जिसमें 1 मिनट भी बिजली न जाना इधर घर पर झाड़ू पोछा हेतु स्वचालित रोबोट मशीन बर्तन एवं कपड़े धोने की ऑटोमेटिक व्यवस्था इंधन का पाइपलाइन द्वारा गैस सप्लाई हर घर एवं व्यवसाय स्थल पर सेंट्रल ऐसी एवं बेहतर पार्किंग व्यवस्था देखने को मिला , इन्होंने बताया कि तीज त्योहारों पर भारतीयों का सौहाद्र एवं भाईचारा देखकर लगा कि विदेश में नहीं भारत में ही हूँ।
वहाँ बिना आदमी के संचालित हजारों पेट्रोल पंप केवल कार्ड के लेनदेन से बड़ी आसानी से हो जाती है , अमेरिका में दक्षिण भारतीय एवं गुजराती समाज की ज्यादा संख्या देखने मिला , वहां उत्तर भारतीय की संख्या कम नजर आया। बड़े संस्थानों में उच्च पदों पर भारतवासियों का आसीन होना देखकर गर्व महसूस हुआ। वही यात्रा के संबंध में इन्होंने बताया कि लगभग 24 घंटे हवाई यात्रा दिल्ली से इस्तांबुल में हवाई जहाज चार घंटे ब्रेक के बाद लंबा सफर तय करने के बाद अमेरिका पहुंचे। वहाँ मौसम बड़ा सुहाना एवं स्वास्थ्य वर्धक था ,उज्जवल तकनीक आसमान छूते झूले, स्पाइडर मैन, सिक्स फ्लैग , स्थित फन वर्ल्ड गगनचुंबी इमारतें अमेरिका को वाकई सुपर पावर बनाती है ।इस तरह से वरिष्ठ पत्रकार मोहन मदवानी ने कहा कि अमेरिका की काफी यादें लेकर अपना वतन वापस लौटे हैं।
