विश्व महासागर दिवस पर महासागरों की महिमा बताते . डॉ संजय दुबे

अंचल के प्रतिष्ठित सी एम दुबे महाविद्यालय बिलासपुर में
विश्व महासागर दिवस, एनसीसी कैडेट्स ने एक ऐसा दिन है जो समाज को पृथ्वी पर उपस्थित महासागरों के महत्व के बारे में जागरूक रैली बैनर पोस्टर व्याख्या का आयोजन किया और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करता है। विश्व महासागर दिवस को हर साल 8 जून को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 8 जून 2008 को विश्व महासागर दिवस के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता देने की घोषणा की थी।
विद्यार्थियों एवं कैडेट्स को महसागरों का महत्व जाना ताकि समाज को महासागरों के संरक्षण के लिए जागरूक एवं प्रेरित किया जा सके। इस ब्लॉग के माध्यम से आप को पढ़ने का अवसर मिलेगा, डा संजय दुबे ने महासागरों के संरक्षण के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने एवं
महासागरों को प्रदूषण मुक्त रखना ही मानव की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी पृथ्वी के सौंदर्य का लुफ्त उठा सकें।

समुद्री जीवों के संरक्षण और उनके साथ सद्भावना के साथ संबंध बनाकर ही महासागरों का संरक्षण किया जा सकता है।
विश्व महासागर दिवस एक ऐसा माध्यम बनता है जो हमें महासागरों की महानता के बारे में बताता है।
साथ ही महाविद्यालय परिवार के सदस्य श्री अमन दुबे ने बताया की महासागरों की महिमा को जानने के बाद ही समाज को इनके संरक्षण के लिए प्रेरित किया
महासागरों को पृथ्वी का नीला दिल कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि महासागरों का सौंदर्य ही पृथ्वी का श्रृंगार करता है
प्लास्टिक का वहिष्कार करें और महासागरों के संरक्षण में समाज को सशक्त करें।
जिन रिश्तों में महासागरों जैसी गहराई हो, उन रिश्तों में कभी फूट नहीं पड़ती है।
महासागरों से ही मानव व्यापक स्वरुप लेने की प्रेरणा पाता है, यही प्रेरणा महासागरों के संरक्षण के लिए समाज को सशक्त करती है।
महासागर हमारे लिए प्रकृति से प्राप्त एक अनमोल संसाधन है, इसका हमें हमेशा सम्मान करना चाहिए।
महासागरों में अद्भुत रहस्य छुपे आते हैं, जो मानव में कुछ जानने की उत्सुकता को पैदा करते हैं।
विश्व महासागर दिवस की शुभकामनाएं महासागरों के संरक्षण के लिए समाज को जागरूक करती और विश्व महासागर दिवस पर संदेश भेजकर आप अपने परिजनों और शुभचिंतकों को महासागरों को सुरक्षित रखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
महासागरों में जीवन जीने की अविश्वसनीय विविधता छुपी होती हैं, इनके बारे में जानना हम सबकी जिम्मेदारी है।
महासागरों जैसे संसाधनों का उपयोग बुद्धिमानी से करने पर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं
महासागर ही हमें पीड़ाओं का सामना करना सिखाते हैं, इनका संरक्षण ही हमारा पहला संकल्प होना चाहिए।
महासागरों को साफ रखने पर ही हम, प्रकृति के प्रति अपने समर्पण को सर्वोपरि रख सकते हैं।
पानी की प्रत्येक बूँद मानव जीवन को उत्साह से भर देती है, हमें महासागरों की महिमा को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
महासागरों को प्रदूषण मुक्त बनाना है, हमें हमारे जीवन को बचाना है।
चालों आओ समुद्र बचाएं, हम निज जीवन को सुखद बनाएं।
स्वस्थ समुद्र ही आधार बनेगा, स्वस्थ ग्रह का-सुखद जीवन परिचय का।
जल संकट से जीवन को बचाएंगे, समुद्र संरक्षण के लिए हम मिलकर आवाज उठाएंगे।
प्लास्टिक को वहिष्कार करें, जीवन में सुखों का विस्तार करें।
इस कार्यक्रम का आयोजन एनसीसी अधिकारी श्री रोहित लहरे बताया की विश्व महासागर ही हमें जीवन, भोजन और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। हर मानव को इसका सम्मान करना चाहिए।
सही मायनों में समुद्र हमारा घर है, आइए इसे स्वच्छ और स्वस्थ रखने का एक प्रयास करें।
यदि हम आज महासागरों की देखभाल नहीं करेंगे, तो यह भी तय है कि महसागर भी कल हमारी देखभाल नहीं करेंगे।
महासागर में अद्भुत जीवों का निवास होता है, आइए उनकी रक्षा करें ताकि आने वाली पीढ़ियां भी उनकी बारे में जान सकें।
महासागर हमारी धरती का जीवनदायी तत्व हैं, हम सभी को इसे बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।” महाविद्यालय परिवार एवं एनसीसी कैडेट्स सूरज कश्यप, टिकेश्वर गुप्ता,कोमल जांगडे,विक्रम , प्रवीण,का पूरा सहयोग रहा
