मुख्यमंत्री जी,,,तहसील में डाइवर्सन के नाम पर अवैध वसूली,, बेधड़क बाहरी लोगों को दस्तावेज सौंप कर किया जा रहा मनमानी ,,लोगों का है मानना सभी विभागों में अंदर-बाहर सीसीटीवी कैमरा लगने से काफी हद तक राहत मिलेगा

बिलासपुर,, प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आई भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस पर जोर-शोर से काम करना शुरू करने का दावा किया है ,पर जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है,


पिछले दिनों तहसील कार्यालय में चल रहे व्यापक डायवर्सन के नाम पर भ्रष्टचार को लेकर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लिया था वही विभाग के वजह से बिलासपुर एसडीएम को भी तलब किया गया था ,डायवर्सन विभाग के भीतर उन भ्रष्ट कर्मचारियों के कार्यप्रणाली को लेकर एक पीड़ित शिकायत कर्ता ने स्टाफ की मनमानी, कार्यों को जानबूझकर अटकाने सहित बिना पैसों के कोई काम नहीं होने डायवर्सन सहित संबंधित अन्य कार्यों के लिए खुलेआम पैसे की मांग को लेकर  हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था वही विभाग में बाहरी लोगो को रखकर बतौर दलाल की तरह इनके माध्यम से मजबूर लोगों से लेनदेन को अंजाम दिया जाने बताया गया था
शिकायत पर यह भी बताया गया था कि तहसील में लोगों के मजबूरी पर लाखों रुपये कार्य के नाम पर ब्लैकमेलिंग किया जाता है ,जिसकी प्रमाणिकता पिछले समय तोरवा के एक किसान से 1 लाख रुपये रिश्वत लेते आरआई को तहसील कार्यालय में एसीबी बिलासपुर की टीम ने रँगे हाथ पकड़ा था इस पर तहसील कार्यालय में कई पीड़ित लोगों ने बताया कि संबंधित आरआई ने लेनदेन के लिए एक सहयोगी रखा था किंतु दुर्भाग्य वश उसके नही रहते पकड़ा गया ,वही नाम न छापने के नाम पर एक दलाल ने बताया कि डायवर्सन विभाग में यहां के जिम्मेदार संबंधित अधिकारी विभाग में बाहरी व्यक्तियों से इसलिए कार्य लेता है ताकि इनके माध्यम से खुलेआम लेनदेन कर सकता है ।
देखा जा रहा है कि कुछ दिनों पूर्व ही एक खबर के चलते जिसमे बाहरी व्यक्ति को लोगों के गोपनीय दस्तावेज में छेड़छाड़ करते खबर प्रकाशन पर उस व्यक्ति को वहां से हटा तो दिया गया किंतु उसकी जगह एक नया बन्दे को रख लिया गया है ।
क्या वजह है कि बाहरी गैर जिम्मेदार व्यक्ति को दस्तावेज सौप दिया जाता हैं जबकि यहां 5 आर आई को अपने क्षेत्र के संबंधितो का कार्य संपादित करना है ।वही कई मामलों में तहसील कार्यालय के कर्मचारियों पर राजस्व प्रकरण को लेकर कई आवेदकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आम लोग यहां के स्टाफ की कार्यप्रणाली से काफी परेशान हैं। चुकि मामला जमीन से जुड़ा होता है इसलिए आवेदक रिस्क लेना नहीं चाहते और  मजबूरन लेनदेन को राजी हो जाते हैं,हालांकि अधिकतर लोगों का मानना है कि अगर सभी विभागों में अंदर और बाहर सी सी कैमरा लगा दिया जायेगा तो काफी हद तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा ।
ऐसे में एक बार पुनः देखना होगा कि संबंधित विभाग पर और यहां बाहरी लोगों के द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अनुविभागीय अधिकारी और बिलासपुर के न्यायप्रिय कलेक्टर साहब जनहित समेत विभाग के चल रहे करप्शन पर क्या निर्णय लेते है।

अगले खबर में जानेंगे डायवर्सन विभाग में चल रहे एक नये खेल पर बड़ा रिपोर्ट बतौर सबूत …अनुविभागीय अधिकारी और कलेक्टर साहब  के आखों में कैसे धूल झोका जा रहा ,,,,,

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