कलेक्टर साहब- तहसील के डायवर्सन समेत अन्य विभागों में सीसीटीवी कैमरा लगने से भ्रष्टाचार में लगेगा लगाम..जनहित पर शहर के विधायक को भी लेना चाहिये संज्ञान

बिलासपुर/ तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार की जड़ पूरी तरह जम चुका है ,बड़े बड़े मामलों के बावजूद खुलेआम लेनदेन जारी है,  इसमें डायवर्सन विभाग  अव्वल है यहाँ के आर आई लेनदेन के लिये बाहरी लोगों को महत्वपूर्ण दस्तावेजो को सौप दिये हैं जिसपर इन लोगों के द्वारा इन दस्तावेजों को छेडछाड करते देखे जा सकते है ,इसका उदाहरण सकरी तहसील में तहसीलदार के आई डी से निजी व्यक्ति द्वारा किए गए नामांतरण उदाहरण है यहाँ भी पूरा मामला लेनदेन का ही वजह सामने आया है इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों को बिलासपुर तहसील में चल रहे अनैतिक कार्यों से जानकारी के बावजूद भी संज्ञान नही लिया जाना समझ से परे हैं ,बड़े बड़े मामले उजागर होने के बाद भी बाहरी लोगों को दस्तावेजो सौपा गया है ,वही बाहरी व्यक्ति होने की वजह से इन लोगों के द्वारा रुपये के लालच में कुछ भी कर दिया जा रहा है यह प्रायः देखा जा रहा है वही मामला उजागर होने पर संबंधित अधिकारियों की बदनामी हो जा रही हैं ,तहसील कार्यालय बिलासपुर के डायवर्सन  में हर एक आर आई अपने अपने बाहरी बंदो को विभाग की जिम्मेदारी दी  हुई हैं ,यहाँ लोगों की मजबूरी का पूरा लाभ लेते देखा जा चुका है यहाँ लाखों रुपये लेना आम बात है यहाँ तहसील में दस्तावेजों को मुँहमाँगा रकम देकर छेड़छाड़ कराया जा रहा है जो कि कई बार अख़बारों की सुर्खियों में रहा है ,वही आम लोगों का जो यहाँ सालों से चक्कर काट रहे हैं उनका एक ही मांग है कि अगर डायवर्सन समेत महत्वपूर्ण विभागों में अंदर बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा दिया जाता है तो निश्चित तौर पर आम जनता को यहाँ होने वाले भ्रष्टाचार से काफी हद तक राहत मिलेगा ,वही यहाँ तहसील में चक्कर काट रहे लोगों का कहना है कि यहाँ सालों साल सभी दस्तावेज होने के बावजूद घुमाया जाता हैं ,वही लोगों का यह तक कहना है कि अगर यहाँ के आरआई के संपति की जाँच कराई जाती हैं तो बड़ा खुलासा हो सकता है ,लोगों ने यहाँ तक तर्क दिया कि जो आरआई लाखों रुपये लेते पकड़ा गये है तो जरूरी नहीं की पकड़ा गया व्यक्ति लेनदेन करता था  दूसरी बात क्या पहली बार में ही वह पकड़ा गया ,खैर जो भी हो अगर जन्ताजनार्दन के दुःख पीड़ा को ध्यान में रखकर जिला रजिस्टार कार्यालय ,हाईकोर्ट, समेत शासन के महत्वपूर्ण विभागों में सीसीटीवी कैमरे लग सकते है तो यहाँ जनहित यहाँ कैमरे लगाया जाना उचित क्यों नही है इसे जिले के अधिकारियों को समझना होगा ।
देखा गया है कि न्याय प्रिय कलेक्टर जिन्होंने सिम्स जैसे हॉस्पिटल को सर्वसुविधायुक्त बनाकर और लोगों के दुःख पीड़ा को समझकर इस कदर बना दिये कि जिस पर अब गरीब जनता का बेहतर इलाज हो रहा है ऐसे में तहसील में  सीसीटीवी कैमरे की मांग और बाहरी लोगों से डायवर्सन विभाग को मुक्ति जनहित में इंतजार है  ताकि गरीब जनता का कट रही जेब से मुक्ति मिल सके ।

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